देर आए दुरुस्त आए क्या? मध्यप्रदेश में देरी तो हुई है 18+ वैक्सीनेशन में, लेकिन क्या तैयारी पूरी तरह दुरुस्त है? | Are you better late than never? Madhya Pradesh is delayed in 18+ vaccination, but is the preparation completely correct?

देर आए दुरुस्त आए क्या? मध्यप्रदेश में देरी तो हुई है 18+ वैक्सीनेशन में, लेकिन क्या तैयारी पूरी तरह दुरुस्त है?

देर आए दुरुस्त आए क्या? मध्यप्रदेश में देरी तो हुई है 18+ वैक्सीनेशन में, लेकिन क्या तैयारी पूरी तरह दुरुस्त है?

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 PM IST
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Published Date: May 4, 2021 6:12 pm IST

भोपाल: कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी का कहर पूरे देश में अपना तांडव कर रहा है। ऐसे में कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्यों ने कमर कस ली है और 1 मई से 18 प्लस वैक्सीनेशन पर जोरों से काम कर रही है, मगर इस अभियान में मध्यप्रदेश 4 दिन लेट हो गया। मध्यप्रदेश में देरी तो हुई है 18 प्लस वैक्सीनेशन में मगर क्या तैयारी पूरी तरह दुरुस्त है ये बड़ा सवाल है?

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मध्य प्रदेश में 18 से 44 साल तक के लोगों को कोरोना वैक्सीन 5 मई से लगना शुरू होगा। ये निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग में लिया। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से भी चर्चा की थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश को 5 करोड़ 29 लाख डोज की जरुरत है। सरकार ने कोविशील्ड के 45 लाख और कोवैक्सिन के 10 लाख डोज के ऑर्डर दिए हैं, लेकिन अभी डिलीवरी नहीं हुई है। हालांकि शुक्रवार रात हैदराबाद से प्रदेश में कोवैक्सिन के डेढ़ लाख डोज पहुंचे हैं।

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दरअसल वैक्सीन के डोज उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार ने प्रदेश में 1 मई से वैक्सीनेशन टाल दिया था, जबकि वैक्सीनेशन पार्ट-3 के पहले दिन टीका लगवाने के लिए प्रदेश में 77 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु पर 28 अप्रैल से 1 मई के बीच 77 हजार स्लॉट बुक भी हो चुके हैं।

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तेजी से हुए वैक्सनीनेशन और एक महीने से जारी कोरोना लॉकडाउन और कोशिशों ने अब असर दिखाया है। प्रदेश का रिकवरी रेट फिर से 85% पहुंच गया यानी 10 में से 8 से 9 लोग ठीक हो गए। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो वैक्सीन का दूसरा डोज़ ले चुके हैं। संक्रमण की दर घटकर 20% पर आ गई है। अभी तक अस्पतालों को सेंटर बनाया गया है, लेकिन 18 से 44 साल तक के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए स्कूल और कॉलेज परिसरों को सेंटर बनाया जा रहा है। इसकी वजह ये है कि अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा होने से भीड़ लग रही है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि जब वैक्सीन ही नहीं है तो सरकार कैसे करोड़ों युवाओं को टीका लगाने के दावे कर रही है।

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मध्यप्रदेश सरकार का दावा है कि वैक्सीन निर्माताओं को टीके ऑर्डर कर दिए हैं,तय वक्त पर टीके की डिलीवरी हुई तो मार्च 2022 तक मध्यप्रदेश में टीकाकरण अभियान खत्म भी हो जाएगा। यानि ये तय है कि वैक्सीन डिलिवरी की तारीखों को लेकर पुख्ता नहीं है।

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