भोपाल: प्रदेश में होने वाला 2023 का विधानसभा चुनाव आसान नहीं होगा। इस बात को समझते हुए कांग्रेस पार्टी अब उन मुद्दों पर फोकस कर रही है जो उन वर्गों से सीधे जुड़े हैं, जिन्हें साधकर सत्ता में पहुंचने का रास्ता पक्का हो सकता है। इन दिनों प्रदेश में ST, SC और पिछड़ा वर्ग से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी मुखर होकर सत्ता पक्ष को घेर रही है। नेमावर हत्याकांड पर मोर्चा खोलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को नए राज्यपाल महोदय से मुलाकात कर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की सुरक्षा पर बात की। साथ ही OBC आरक्षण पर सरकार को जमकर घेरा। भाजपा भी इसे हल्के लेना नहीं चाहती, क्योंकि पिछली बार के नतीजे सबके सामने रहे हैं। तो जमीनी स्तर पर किसे मिलेगा इन वर्गों का साथ? कौन है जो वास्तव में इन वर्गों के साथ है और कौन है जो सिर्फ इस पर सियासत कर रहा है?
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नेमावर हत्याकांड, अलीराजपुर और धार की घटना सहित SC-ST वर्ग पर अपराध का लेखा जोखा लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल के पास पहुंचे। कमलनाथ ने राज्यपाल को प्रदेश की वास्तविक हालात से अवगत कराते हुए SC-ST वर्ग को सुरक्षा देने की मांग की। मलनाथ ने कहा कि प्रदेश में SC-ST वर्ग के लोग सुरक्षित नहीं हैं। इतनी घटनाएं हुई है जितनी देश के इतिहास में नहीं हुई। मीडिया से चर्चा के दौरान कमलनाथ ये भी कहा कि प्रदेश का हर वर्ग परेशान है।
SC-ST वर्ग को सुरक्षा देने के साथ कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण का भी मुद्दा उठा दिया। ओबीसी आरक्षण पर शिवराज सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि हमने जो नीति बनाई थी उसे शिवराज सरकार सरकार ने लागू नहीं किया। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के मुद्दे पर हवा देकर कांग्रेस मिशन 2023 के लिए अभी से नई रणनीति पर काम कर रही है। सत्ता रूढ़ बीजेपी भी इस चाल को बेहतर समझती है। लिहाजा जवाबी हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही।
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जाहिर है 2018 विधानसभा चुनाव में एट्रोसिटी एक्ट का विरोध, ग्वालियर-चम्बल में दलित आंदोलन बीजेपी के खिलाफ गया था। इसलिए बीजेपी पिछली गलती दोहराना नहीं चाहेगी। दूसरी ओर कांग्रेस के रणनीतिकार भी जानते हैं कि प्रदेश में सत्ता का दरवाजा SC-ST और ओबीसी वोट से ही खुलेगा। लिहाजा मिशन 2023 के लिए कांग्रेस अभी से SC-ST और ओबीसी वोटो को संभाल कर रखने की कवायद कर रही है।