पेंड्रा: जाति और नागरिकता के मामले को लेकर एक बार फिर जोगी पिता-पुत्र कानून के दरवाजे पर माथा टेंक रहे हैं। लगातार उनकी मुसीबतें बढ़ती ही जा रही है। जहां एक ओर अमित जोगी सलाखों के पीछे अपनी रातें काट रहे हैं वहीं, दूसरी ओर जाति मामले को लेकर अजीत जोगी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता समीरा पैकरा ने अजीत जोगी के खिलाफ गौरेला थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। बताया जा रहा है कि पूर्व नायब तहसीलदार पतरस तिर्की के शपथ पत्र के आधार पर अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
Read More: स्पेशल DG आरके विज ने अधीक्षकों को लिखा पत्र, कहा-वाहन चैकिंग के दौरान बरतें सहानुभूति
ज्ञात हो कि समीरा पैकरा ने तत्कालिक नायब तहसीलदार का शपथ पत्र पेश करते हुए इस बात का दावा किया है कि जोगी कि जाति फर्जी है। जिस समय का अजीत जोगी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं उस समय पेंड्रा-गौरेला में नायब तहसीलदार का कार्यालय ही नहीं खुला था, फिर जोगी कहां से कंवर जाति का प्रमाण पत्र ले आए।
हालांकि जोगी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि जीत जोगी ने समीरा पैकरा द्वारा पेश किया गया नायब तहसीलदार पतरस तिर्की के शपथ पत्र को झठा और बेबुनियाद करार दिया है। उन्होंने कहा है कि 6 जून 1967 और 6 मार्च 1986 को मुझे कंवर जाति का जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया था। पेंड्रा रोड नायब तहसीलदार कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उस समय प्रचलित नियमों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
जोगी का कहना है कि साल 1986 तक मैने आईएएस के तौर पर काम किया है। इस दौरान मेरी जाति को लेकर कोई सवाल खड़ा नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही मैं साल 1987 में राज्यसभा में आया तो मेरी जाति को लेकर सवाल उठने लगे। 1987 में इैदार हाईकोर्ट में मनोहर दलाल ने मेरी जाति को लेकर याचिका लगाई थी, जिसके बाद इंदौर हाईकोर्ट ने मेरे पक्ष में फैसला सुनाया था। डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में दौरान भी जबलपुर हाईकोर्ट ने भी मेरी जाति को लेकर मेरे पक्ष में फैसला सुनाया था।