रायपुर: कोरोना वैक्सीन के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली करने वाली मेकाहारा की स्टाफ नर्स दीपादास का एक और नया कारनामा सामने आया है। खबर है कि दीपादास ने नौकरी लगाने के नाम पर प्रदेश के कई जिलों के लोगों से करीब 5 लाख रुपए की वसूली की है। हैरान करने वाली बात ये है कि पैसे लेने के बाद उसने अस्पताल के वार्ड नंबर 9 में करीब 8 महीने ड्यूटी भी करवाया और प्रबंधन को कानोकान खबर भी नहीं लगी। अब सभी पीड़ित एफआईआर करवाने के लिए भटक रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मेकाहारा की स्टाफ नर्स दीपादास ने वार्ड गर्ल,वार्ड बॉय और सुपरवाइजर के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर दुर्ग, बेमेतर, गरियाबंद,आरंग और पाटन इलाके के बेरोजगारों से पैसे लिए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी ने 11 लोगों से करीब 5 लाख रुपए लिए हैं।
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मेकाहारा में 8 महीने करवाई ड्यूटी
बताया जा रहा है कि आरोपी दीपादास ने जिन लोगों से पैसे लिए थे, उन्हें अस्पताल में ड्यूटी भी करवाई है। आरोपी ने वार्ड नंबर 9 में सभी को ड्यूटी करवाई, लेकिन प्रबंधन को दीपादास की करतूतोंं की भनक भी नहीं लगी।
गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में कोरोना वैक्सीन लगाने के नाम पर अवैध वसूली के मामले में पुलिस ने मेकाहारा की स्टाफ नर्स के पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि गैंग के लोग कोरोना मरीजों को टीका लगाने की बात कहकर झांसे में लेते थे और 10 से 11 हजार रुपए वसूल लेते थे। जानकारी यह भी है कि गैंग के लोगों को मेकाहारा अस्पताल से मरीजों की लिस्ट मिलती थी, जिसके बाद वे फोन पर उन्हें अपनी जाल में फंसाते थे। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।