नईदिल्ली। भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच एक खबर यह सामने आ रही है कि एक चाइनीज़ मोटर कंपनी जीडब्ल्यूएम और महाराष्ट्र सरकार के बीच एक सहमति पत्र पर दस्तख़त हुए, इसमें चरणबद्ध तरीक़े से 100 करोड़ डॉलर का निवेश होगा और इसके ज़रिए 3,000 नौकरियां पैदा की जाएंगी। भारत में चीन के ख़िलाफ़ पहले से ही ग़ुस्से का माहौल बन रहा है और मंगलवार को यह ख़बर आई कि सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
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दरअसल, यह समझौता सोमवार 15 जून को हुआ था, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैंपेन के ज़रिए राज्य में 16,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था, इसमें एक निवेश जीडब्ल्यूएम का भी था। जीडब्ल्यूएम यानी ग्रेट वॉल मोटर्स की नींव 1984 में रखी गई थी, 2003 में यह कंपनी हॉन्गकॉन्ग स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई और इसके शेयरों में ट्रेडिंग शुरू हो गई। फ़रवरी में ग्रेट वॉल मोटर्स ने भारत में एंट्री करने का ऐलान किया था। हर दो साल में होने वाले दिल्ली ऑटो एक्सपो में इस कंपनी ने अपने एसयूवी ब्रैंड हैवेल को दिखाया था। कंपनी ने अपनी इलेक्ट्रिक कारें भी यहां दिखाई थीं।
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फ़िलहाल जीडब्ल्यूएम की योजना पुणे में 3,770 करोड़ रुपये का निवेश करने की है और यह 2,042 लोगों को नौकरी देगी। जीडब्ल्यूएम की योजना इन गाड़ियों को न सिर्फ़ भारत में बेचने की है, बल्कि वह इन्हें विदेश में भी निर्यात करना चाहती है। मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैंपेन लॉन्च होने के वक़्त सरकार ने कहा था कि 12 कंपनियों के 16,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एग्रीमेंट किए गए हैं। इनमें से कुछ कंपनियां भारत की हैं, जबकि कुछ अमरीका, चीन, साउथ कोरिया और सिंगापुर की हैं।
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