रायपुर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 8 जनवरी को ग्रामीण भारत बंद का आव्हान किया है। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने बंद को समर्थन दिया है। सोमवार को इसी कड़ी में आखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने रायपुर में प्रेस वार्ता कर वर्तमान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए बंद का आव्हान किया है।
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बादल सरोज ने कहा कि देश में उद्योगपतियों की नजर जल, जंगल, जमीन पर है जबकि इसे संरक्षित रखने की जरुरत है। किसानों की उत्पादन लागत बढ़ रही है, कृषि उत्पाद की अपेक्षित व सम्मानजनक खरीदी का अभाव है, सरकारें स्वामीनाथन कमेटी के रिपोर्ट पर अमल नहीं कर रहीं जबकि बिना टैक्स के विदेशी सामाग्रियों को देश में बेचा जा रहा है। जिससे देश में आम नागरिक और किसान चौतरफा संकट में है इसलिए किसान सभा ने गैर राजनीतिक आंदोलन के रुप में आहूत किया जिसे देशभर के 250 किसान संगठनों का समर्थन मिला है।
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बादल सरोज ने कहा कि यह आंदोलन साल 2015 एवं 2018 के आंदोलन से बड़ा आंदोलन होगा। छत्तीसगढ़ की मंडियों और समितियों में धान उत्पादक किसानों की लूट जारी है, उन्हें लंबे समय तक इंतजार कराया जा रहा है, साथ ही 40 किलो की बोरी पर 5-5 किलो अतिरिक्त धान की भी जबरिया वसूली की जा रही है। इसे तत्काल रोका जाये। इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ किसान सभा आंदोलन कर रही है। बंद के दौरान मंडियों, समितियों, तहसीलों और जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे ।
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