भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच जहरीली शराब ने तांडव मचाया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में बीते 48 घंटे में 7 लोगों की जान चली गई है, जबकि 4 लोगों की आंखों की रोशनी पर संकट आ गया। विपक्ष का सीधा आरोप है कि बीजेपी सरकार के राज में शराब माफिया बेलगाम है। कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए एक जांच टीम भी बना दी है। सत्ता पक्ष के नेता कह रहे हैं ये बीती सरकार के वक्त के फल-फूल रहे माफिया हैं। बड़ा सवाल ये कि शराब के जहर से कैसे बचेगी जान?
ग्वालियर और भिंड में एक बार फिर जहरीली शराब ने 7 लोगों की जान ली है। ग्वालियर में ही चार लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है। परिजनों की माने तो भिंड जिले में बीते 48 घंटे में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यानि ग्वालियर चंबल में बीते 48 घंटे में 7 लोगों की जहरीली शराब के कारण जान जा चुकी है।
दरअसल जिन दो गांवों मे पांच जाने गई हैं वे यूपी से सटे हुए हैं। इनके परिवार वालो का कहना है कि जहरीली शराब यूपी से ही लाई गई थी। दूसरी तरफ इसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि उज्जैन – मुरैना शराब कांड के बाद प्रदेश में शराब माफियाओं व ज़िम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं? पिछले एक वर्ष में प्रदेश में ये पांचवां शराब कांड है, प्रदेश में अब तक 50 से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है, हर कांड के बाद शिवराज सरकार सिर्फ दिखावटी विरोध, दिखावटी कार्रवाई के आदेश जारी करती है, माफ़ियाओ को गाड़ देने, लटका देने के जुमले गढ़ती है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। प्रदेश में शराब माफियाओ का कहर निरंतर जारी है।
कमलनाथ ने पांच नेताओं की टीम बनाई है जो घटनास्थल पर जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। दूसरी तरफ बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के समय शराब माफिया ने जड़ें पकड़ी थी और अब उन्हें कमजोर किया जा रहा है।
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जहरीली शराब से मरने वालों के आंकड़ें चौंकाने वाले हैं। 2 मई 2020: रतलाम के पचेड़ और भड़वासा गांव में 4 मौतें, 6 सितंबर 2020: दिवानिया गांव में 2 मौत, 15 अक्टूबर 2020: उज्जैन में 14 मजदूरों की मौत, 7 जनवरी 2021: खरगोन के देवला गांव में 2 मौतें, वहीं मुरैना में इस साल अब तक 28 मौतें हो चुकी हैं, 30 मार्च 2021 में भिंड में 5 की मौत -31 मार्च 2021 में ग्वालियर में 2 की मौत।
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यानि की बीते एक साल में जहरीली शराब से 57 लोगों की मौतें हो चुकी है। जाहिर है पुलिस जब सख्ती करती है तो शराब माफिया शांत हो जाते हैं। लेकिन कुछ ही दिनों में सक्रिय होकर वो फिर से लोगों की जान ले लेते हैं। ऐसे मे सवाल यही है आखिर कब रुकेंगी जहरीली शराब से मौतें?
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