नया जिला बनने के बाद कर्मचारियों में ट्रांसफर का खौफ, कर्मचारी संघ ने कसी कमर | After the creation of new district, fear of transfer among employees Employees union tightens

नया जिला बनने के बाद कर्मचारियों में ट्रांसफर का खौफ, कर्मचारी संघ ने कसी कमर

नया जिला बनने के बाद कर्मचारियों में ट्रांसफर का खौफ, कर्मचारी संघ ने कसी कमर

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 PM IST
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Published Date: February 12, 2020 6:49 am IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नया जिला बनने के बाद कर्मचारियों में ट्रांसफर का खौफ बढ़ गया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही अलग होकर नया जिला बन गया है। जहां नया सेटअप तैयार करने और व्यवस्था सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी पुराने जिले की होती है। ऐसे में बिलासपुर जिले के कर्मचारियों को डर सता रहा है कि यहां से उनका ट्रांसफर नए जिले में न कर दिया जाए। कर्मचारी संघ के नेताओं का स्पष्ट कहना है कि सरकार अस्थायी रूप से ट्रांसफर करती है तो कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जबरन ट्रांसफर करने पर हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

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दरअसल, वर्तमान की स्थिति में शासन ने सभी सरकारी विभाग से नाम मंगाए हैं जिन्हें नए जिले में काम करने की इच्छा है। इसके बाद भी जगह खाली रहने पर सरकार अस्थायी रूप से कर्मचारियों को नए जिले में भेजेगी, लेकिन इसमें भी कर्मचारियों को सरकार की मंशा पर सवाल है। इसलिए क्योंकि जब 2012 में बिलासपुर से अलग होकर मुंगेली जिला बनाया गया तब जो अस्थायी रूप से वहां भेजे गए थे वे आज भी वहीं पदस्थ हैं और रोज़ आना जाना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारी परेशान हैं और अब वही स्थिति वो नहीं चाहते हैं कि दुबारा उतपन्न हो।

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कर्मचारियों का कहना है कि नया जिला बहुत दूर है और वहां आने जाने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। दूसरी तरफ नए जिले में कामकाज का बहुत ज़्यादा दबाव होता है। कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार को नए जिले क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार देना चाहिए, जिससे उन्हें नौकरी भी मिलेगी और गृह जिले में काम करने में आसानी होगी। लेकिन अगर सरकार पुराने कर्मचारियों को परेशान करेगी तो हम आंदोलन करने से नहीं चूकेंगे।

 
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