रायपुर, छत्तीसगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद अब उनकी पार्टी के सामने बिखराव का संकट है और मरवाही में उपचुनाव के पहले सियासी समीकरण बदलने लगे हैं। जोगी के भरोसेमंद और करीबी लोग ही पार्टी से पल्ला झाड़कर कांग्रेस और बीजेपी का रुख कर रहे हैं। इससे नाराज स्थानीय कांग्रेस नेता आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम से मुलाकात करने वाले हैं। लगभग 70 नेता रायपुर रवाना हो गए हैं। दोपहर को सीएम और पीसीसी चीफ से मुलाकात करेंगे। जेसीसीजे नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस प्रवेस से हैं नाराज।
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अजीत जोगी के कब्र की मिट्टी भी अभी सूखी नहीं.. और उनके निधन के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट के लिए सियासी उठापटक शुरू हो गई है। हमेशा से अजीत जोगी के वफादार रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय जोगी की पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं। ज्ञानेंद्र समेत जोगी के करीबियों के वापस पार्टी में लौटने के साथ ही मरवाही इलाके में घमासान मच गया है। मरवाही इलाके के सौ से ज्यादा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। नाराज नेताओं की शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम से मुलाकात भी होगी।
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जोगी की पार्टी के तीन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा भी चल रही है। एक विधायक तो कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल रहे हैं और मंत्रियों के बंगलों में भी देखे जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ नेता भाजपा में भी अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं।
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इधर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेताओं का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों में आना जाना तो लगा ही रहता है। अवसरवादी ऐसे मौके का इंतजार करते हैं। साथ ही वे जोगी की यादों में ही पार्टी चलने का दावा भी कर रहे हैं। नेताओं के दावे भी, उनके वादे की तरह होते हैं। अभी तो मरवाही उपचुनाव की घोषणा भी नहीं हुई। जाहिर है आने वाले दिनों में राजनीति के चेहरों के कई और रंग दिखेंगे।