होशंगाबाद: यहां से एक दिल दहलादेने वाली तस्वीर सामने आई है। ये घटना जितनी दर्दनाक है उतनी शर्मनाक पुलिस का रवैया रहा है। सोचिए अगर आपके हाथ में एक सुई चुभ जाए तो आपको कितना दर्द होता है, लेकिन यहां तो एक शख्स के दोनों हाथ काट दिए गए। वो थाने पहुंचता है लेकिन पुलिस ने थाने में उसके साथ जो किया उससे खाकी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मामला होशंगाबाद का है। जी हां इस शख्स के दोनों हाट काट दिए गए हैं। बाबई के चोराहेट गांव में 7 से 8 लोगों ने तलवार से इसके हाथ काट दिए। जान बचाकर सोमेश किसी तरह थाने पहुंचता है, वो खून से लथपथ है। उसे इलाज की जरूरत है, उसकी मौत भी हो सकती है। लेकिन पुलिस को कहां इसकी चिंता, उसे तो पहले रिपोर्ट लिखनी है, बयान दर्ज कराने है। मरने वाला मरता है तो मरे।
सोमेश वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था, कभी थोड़ा खड़ा होता है फिर बैठ जाता। कभी अपने सिर को टेबल पर पटकता है, वो मजबूर है। वो कुछ नहीं कर सकता, लेकिन थाने में मौजूद पुलिस तो उसे अस्पताल ले जा सकती है ना। लेकिन नहीं, उसे तो अपनी सरकारी फाइलें भरनी हैं। वाह रे पुलिस धन्य है…क्यों ना खाकी पर सवाल खड़े हो। बयान दर्ज करना ज्यादा जरूरी या जान बचाना ? पुलिस युवक को अस्पताल क्यों नहीं ले गई ? कैसे इतनी असंवेदनशील हो सकती है पुलिस? अगर युवक थाने में ही मर जाता तो ?
युवक को नागपुर रेफर किया गया है, जहां वो कोमा में है। जिंदगी और मौत के बीच जंग डल रहा है, लेकिन मान गए आज खाकी को। जनता आपके पास आने क्यों डरती है? इसका जवाब भी मिल गया। शायद तभी तो कहते हैं..वो जख्म लिए तड़पता रहा कानून की चौखट पर… पुलिस घंटों पूछती रही, बता तेरे साथ हुआ क्या है।
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