72 घंटे की कोशिशों के बाद गहलोत कांग्रेस आलाकमान का विश्वास जीतने में कामयाब | After 72 hours of efforts, Gehlot managed to win the trust of Congress high command

72 घंटे की कोशिशों के बाद गहलोत कांग्रेस आलाकमान का विश्वास जीतने में कामयाब

72 घंटे की कोशिशों के बाद गहलोत कांग्रेस आलाकमान का विश्वास जीतने में कामयाब

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 PM IST
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Published Date: July 15, 2020 3:17 am IST

जयपुर। राजस्थान में 72 घंटे की कोशिशों के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान का विश्वास जीतने में कामयाब रहे। पार्टी ने गहलोत की जादूगरी पर भरोसा जताते हुए बागी तेवर दिखा रहे सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने पर हामी भर ही दी।

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सचिन पायलट के करीबी दो मंत्रियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। अब पायलट के अगले दांव पर सबकी नजर है, क्योंकि मैदान में अब बीजेपी ने भी सीधे तौर पर एंट्री कर ली है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे आज बीजेपी विधायकों से मुलाकात करने वाली हैं। 

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अशोक गहलोत के बेहद करीबी और तीन बार विधायक रह चुके प्रद्युम्न सिंह की इन सबके पीछे अहम भूमिका है। सचिन खेमे में गए चार बागी विधायकों को समझा-बुझाकर वापस लाने के लिए वह शुक्रवार से ही दिल्ली में थे।

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इन चार विधायकों में प्रद्युम्न सिंह के बेटे रोहित बोहरा, कांग्रेस नेता दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा, चेतन डूडी शामिल हैं, जो सचिन पायलट के बेहद करीबी माने जाते थे. अशोक गहलोत शनिवार को किसी तरह रोहित बोहरा से फोन पर संपर्क करने में कामयाब हुए।