71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पद्मश्री सम्मान से नवाजी जाएंगी डॉ लीला जोशी, समाज सेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री | abdul jabbar and dr leela joshi will Honored by Padma Shri award on 71th republic day

71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पद्मश्री सम्मान से नवाजी जाएंगी डॉ लीला जोशी, समाज सेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री

71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पद्मश्री सम्मान से नवाजी जाएंगी डॉ लीला जोशी, समाज सेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 PM IST
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Published Date: January 26, 2020 2:00 am IST

भोपाल: भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है। इस अवसर पर देश की सात प्रमुख हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 शख्सियतों को पद्म भूषण और 118 लोगों को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है। इस सूची में मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार और डॉ लीला जोशी का नाम भी शामिल है। बता दें भोपाल गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री दिया जा रहा है।

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कौन हैं सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार
अब्दुल जब्बार ‘भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन’ के संयोजक थे। यह संगठन लगभग तीन ​दशक से भोपाल गैस कांड के बाद बचे पीड़ितों के हित के लिए काम कर रहा है। गौरतलब है कि ससाल 1984 में भोपाल में दर्दनाक औघोगिक घटना हुई थी। इस घटना में लगभग 15000 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए थे। इस हादसे की चपेट में आने से कई लोग शारीरिक अपगता और अंधेपन का भी शिकार हो गए। इस घटना को भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। इस घटना का जिक्र करते ही पीड़ितों की ही नहीं बल्कि उस दौर में त्रासदी को देखे लोगों की भी रूह कांप जाती है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था, जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था।

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कौन हैं डॉक्टर लीला जोशी
रेलवे मेडिकल सर्विसेस से मुख्य स्वास्थ्य डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त डॉ. लीला जोशी जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य में दिन-रात जुटी हैं। श्री सेवा संस्थान का गठन 2003 मे कर करीब 25 मेम्बर से अधिक सक्रिय शासकीय सेवा से निवृत्त सदस्यों को साथ मिलकर काम कर रही डॉ. जोशी विगत 12 वर्ष से अधिक समय मे जिले के करीब तीन लाख से ज्यादा किशोरियों ओर महिलाओं को रक्त अल्पता (एनीमिया) से दूर कर चुकी हैं। आदिवासी क्षेत्रों सहित शहर के स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चियों व गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परखने के साथ पौष्टिक आहार वितरण करना उनके जीवन का मिशन बन गया है। वर्ष 1996 में वह असम के गुवाहटी में मुख्य स्वास्थ्य डायरेक्टर के रूप में नियुक्त थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात मदर टेरेसा से हुई थी। मदर टेरेसा ने चर्चा के दौरान उनके दोनों हाथों को पकड़ आदिवासियों की तरफ इंगित करते हुए कहा था कि जीवन में इन्हें मत भूल जाना। इन्हें आप की जरूरत है। मदर टेरेसा के स्पर्श और उनकी कही बात को डॉ. जोशी ने अपने जीवन का ध्येय बना लिया ।

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डॉ. जोशी को राष्ट्रीय, राज्य सहित अन्य स्तर पर अवॉर्ड
1) रेलवे मंत्रालय द्वारा विशिष्ट सेवा मेडल
2) प्रेस्टिज डिस्टिंग्यूशनल कम्युनिटी सर्विसेस अवॉर्ड
3) 2014 वुमेन प्राइड अवॉर्ड
4) मदर्स डे पर आरटिस्ट रियलिटी अवॉर्ड
5) अंतरराष्ट्रीय फेडरलियन स्पेशल अवॉर्ड
6) बेस्ट क्लिजियन अवॉर्ड एंड ग्लोरी ऑफ इंडिया अवॉर्ड
7) 2019 में (द पराईड़ आफ फोक्सी )

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