बवाना में 'आप' बचा पाएगी अपनी जीत, विधानसभा में क्या बन रहे हैं समीकरण.. जानिए | AAP will be able to save its victory in Bawana, what are the equations being created in the assembly .

बवाना में ‘आप’ बचा पाएगी अपनी जीत, विधानसभा में क्या बन रहे हैं समीकरण.. जानिए

बवाना में 'आप' बचा पाएगी अपनी जीत, विधानसभा में क्या बन रहे हैं समीकरण.. जानिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : February 2, 2020/11:29 am IST

नई दिल्ली। बवाना विधानसभा सीट दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में है और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है यह सीट अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए आरक्षित है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग, यानी द्वारा घोषित किए गए दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस सीट पर शनिवार, 8 फरवरी, 2020 को मतदान करवाया जाएगा, तथा मतगणना 11 फरवरी को होगी।

बवाना में आमने-सामने

बवाना सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में बवाना सीट पर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों ने ही अपने पुराने उम्मीदवारों के टिकट काट दिए हैं। आप ने 2017 में दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में बवाना सीट से जीते विधायक राम चंदर का टिकट काटकर नए प्रत्याशी जय भगवान उपकार पर भरोसा जताया है। BJP ने भी 2017 उपचुनाव के प्रत्याशी वेद प्रकाश और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में BJP के प्रत्याशी और साल 2013 में विधायक रहे गुगन सिंह को टिकट नहीं दिया है। BJP ने रविंद्र कुमार इंदराज को टिकट देकर मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से सुरेंद्र कुमार बवाना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

साल 2015 के चुनाव में इस सीट पर आम आदमी पार्टी के वेद प्रकाश ने जीत हासिल की थी। इसके बाद विधायक के त्यागपत्र की वजह से रिक्त हुई बवाना सीट पर वर्ष 2017 में उपचुनाव हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी के रामचंदर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वेद प्रकाश को हराकर विधायक बने थे। उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे। इस सीट, यानी बवाना सीट पर वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के गुगन सिंह ने जीत हासिल की थी, जबकि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के सुरेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी।

बवाना में मतदाता

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,46,92,136 मतदाता हैं, जो कुल 2,689 स्थानों पर स्थापित किए गए कुल 13,750 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. दिल्ली में पुरुष मतदाताओं की तादाद 80,55,686 है, जबकि यहां कुल 66,35,635 महिला मतदाता हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 815 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं, जबकि अप्रवासी भारतीय मतदाताओं की संख्या 489 है। दिल्ली में सर्विस वोटरों की कुल संख्या 11,556 है, जिनमें से 9,820 पुरुष मतदाता हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में 55,823 मतदाता दिव्यांग श्रेणी के भी हैं।