नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण कर्नाटक के कुछ और अंदरूनी हिस्सों, रायलसीमा के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों, पूरे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी , पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूरे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर पश्चिम के कुछ क्षेत्रों और उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ और इलाकों में आगे बढ़ा है।
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मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अब कारवार, शिमोगा, तुमकुर, चित्तूर, चेन्नई से गुजर रही है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मध्य अरब सागर के कुछ और इलाकों, गोवा, कोंकण के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के कुछ और इलाकों, रायलसीमा, तमिलनाडु के बचे हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों, मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरपूर्व राज्यों के कुछ इलाकों में अगले 2-3 दिनों के भीतर आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के कुछ और इलाकों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ और इलाकों, बंगाल की खाड़ी के बचे क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के क्षेत्र में अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।
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अगले 48 घंटों के दौरान पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ने और बाद के 24 घंटों में और स्पष्ट होने की संभावना है। इसके प्रभाव के चलते 9-11 जून के दौरान काफी व्यापक से व्यापक बारिश, ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है जबकि 10-11 जून के दौरान विदर्भ, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र, गुजरात राज्य और दक्षिण मध्य प्रदेश में कुछ जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है।
एक द्रोणिका (ट्रफ) के तौर पर पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी पंजाब, उत्तरपूर्व उत्तर प्रदेश, मध्य गुजरात, पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी, केरल तट पर दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। वहीं, अगले दो दिनों के दौरान महाराष्ट्र और मध्य भारत में अधिकतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा और उसके बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। अगले 4-5 दिनों के दौरान देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन की संभावना नहीं है।
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