होशंगाबाद। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने दोनों हाथों से लिखते थे । यूट्यूब पर इस जानकारी को देखकर होशंगाबाद के 14 साल के पार्थ बड़ोने को भी वैसा ही करने का जज्बा मन में आया। छठवीं में पढ़ने वाले पार्थ बड़ोने दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो एक साथ दोनों हाथों से लिख सकते हैं । छठवीं कक्षा में पढ़ने वाले पार्थ बड़ोने को 2 साल पहले घर में पढ़ाई करते वक्त मां ने एक साथ दोनों हाथों से लिखते देखा तो वह चौंक गई । धीरे-धीरे पार्थ का यह हुनर लोगों को पता चला विशेषज्ञों की मानें तो विशेष अभ्यास से राइट और लेफ्ट ब्रेन एक साथ एक्टिव रखने का अभ्यास किसी को हो जाए तब ऐसा संभव होता है।
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पार्थ बड़ोने ने बताया कि वे पिछले दो सालों से दोनों हाथों से लिख रहे हैं । पार्थ बड़ोने का कहना है कि उनके मन में यह ख्याल यूट्यूब पर अल्बर्ट आइंस्टीन एवं देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को देखकर आया कि वह दोनों हाथों से लिखते हैं, तो पार्थ ने उन दोनों को देखकर दोनों हाथ से लिखना प्रारंभ किया और वह इस प्रयास में सफल हुए । आज वह अपने दोनों हाथों से आसानी से लिख सकते हैं ।
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पार्थ बड़ोने बताते हैं की जब वह अपने दोनों हाथों से लिखने बैठते हैं तो वह तीन से चार पेज दोनों हाथों से लिख लेते हैं। पार्थ बड़ोने का सपना आईएएस ऑफिसर बनाने का है । पार्थ बड़ोने बताते हैं कि उनकी यह सफलता को देखकर उनके माता-पिता बहुत खुश हैं और वह उन्हें और आगे बढ़ने की सलाह देते हैं।