पत्नी से प्र​ताड़ित पति पहुंचे भगवान की शरण में, घर-गृहस्थी छोड़कर ओढ़ लिया सन्यासी चोला, कई वर्षों से बैठे हैं धूनी रमाए | A husband who is tormented by his husband reaches the shelter of God, leaving his household and wearing a monk

पत्नी से प्र​ताड़ित पति पहुंचे भगवान की शरण में, घर-गृहस्थी छोड़कर ओढ़ लिया सन्यासी चोला, कई वर्षों से बैठे हैं धूनी रमाए

पत्नी से प्र​ताड़ित पति पहुंचे भगवान की शरण में, घर-गृहस्थी छोड़कर ओढ़ लिया सन्यासी चोला, कई वर्षों से बैठे हैं धूनी रमाए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : October 5, 2020/12:32 pm IST

जबलपुर: पत्नी ने परेशान पतियों का भगवान की शरण लेने के मामले तेजी से बढ़ रहे है। दरअसल महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए बनाए कानूनों का दुरुपयोग ही महिलाओं के लिए मुसीबत बन रहा है। जबलपुर परिवार परामर्ष केन्द्र में इस साल 12 से अधिक पत्नी पीड़ित पतियों के मामले आए हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे मामले देखने को मिले, जिनमें घरेलू विवादों से परेशान पति घर छोड़कर चले गए हों। कुछ मामलों में गायब पति धार्मिक स्थलों पर होने की पुष्टी भी हुई। इस तरह के मामलों में पुलिस भी विस्तृत जांच भी नही करती। सन्यासी पति पर पत्नी और परिवार की जिम्मेदारियां भी नही आती।

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ऐसा ही एक मामला जबलपुर जिले से सामने आया है, जहां सन्यास पर लंबा चौड़ लेक्चर देने वाले सुखराम पटेल उर्फ डमरूपाणी महाराज खुद गृहस्थ रह चुके हैं। वो पिछले 24 साल से जबलपुर के ग्वारीघाट पर धूनी रमाए बैठे हैं। डमरूपाणी महाराज की दलील है वे पारीवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके हैं। यदि वह ऐसा नही करते तो शायद आज जिंदा न होते। वहीं 4 साल पहले घर सिहोरा से नर्मदा किनारे आकर साधू का चोला पहनने वाले राम जीवन की भी यही कहानी है। पत्नी के अपाहिज होने और ढलती उम्र के कारण घर पर बैठने की वजह से बहुओं और बेटों से रोज-रोज होने वाले झगड़े, ताने और बहुओं की धमकी सुन कर जब राम जीवन निराश हो गए और तो नर्मदा की शरण में आ गए। अब दान में जो मिल जाता है, उसी से गुजारा चल रहा है। वे भजन से मन बहलाए रखते हैं।

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खुद जानकारों का मानना है कि महिलाओं के लिए बने कायदे ही उनकी परेशानी हो रहे है। दरअसल ऐसी गुमशुदगी के मामलों में पति पर परिवार को भरण पोषण की कोई जिम्मेदारी नही होती। सन्यासी की पत्नी शिकायत लेकर बस भटकती रहती है। इस तरह के मामलों में पुलिस पता चलने के बाद भी पति पर लौटने का दवाब नही बना सकती। क्योंकि कानून लोगों को न्याय देने के लिए बनाए जाते है, लेकिन जब इनका दुर्पयोग होता है तो पीढि़त को ही जुर्म की सजा मिलाती है। इस खुलासे के बाद पति पर अनुचित दवाब बनाने वाली पत्नियों को एक बार पति के सन्यासी बनने के बारे में जरुर सोचना चाहिए।

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