जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन, पूर्व मंत्री बनाए गए अध्यक्ष | A five-member committee was formed to simplify the process of making caste certificates

जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन, पूर्व मंत्री बनाए गए अध्यक्ष

जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन, पूर्व मंत्री बनाए गए अध्यक्ष

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 PM IST
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Published Date: July 26, 2019 10:57 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी और झारखंड, ओड़िशा राज्यों का दौरा कर वहां जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया देखेगी।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई। पूर्व मंत्री और विधायक रामपुकार सिंह जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए गठित समिति के अध्यक्ष होंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिति जब राज्यों के दौरे पर जाए तो वहां सरकार के अधिकारियों के साथ समुदाय के लोगों से भी चर्चा करें। उन्होंने समिति को तीन माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गलत जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर जो लोग शासकीय सेवा में कार्यरत हैं उनके प्रमाण-पत्रों की जांच के कार्यो में तेजी लायी जाए और दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत दर्ज प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन प्रकरणों में न्यायालय से स्थगन मिला है उनमें स्टे वेकेट कराने के प्रयास किए जाएं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लंबित प्रकरणों में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान जल्द किया जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत न्यायालयों मे पैरवीकर्ता लोक अभियोजकों के कार्यो की समीक्षा करने के निर्देश विधि विभाग के प्रमुख सचिव को दिए। बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, गृह विभाग के सचिव अरूण देव गौतम भी उपस्थित थे।

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बैठक में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति के सदस्य विधायक सर्वश्री गुलाब कमरो, बृहस्पति सिंह, चिंतामणि महराज, डॉ. प्रीतमराम, यू.डी.मिंज, रामपुकार सिंह, चक्रधर सिंह, उत्तरी गणपत जांगड़े, ननकीराम कंवर, पुरूषोत्तम कंवर, मोहितराम, पुन्नूलाल मोहले, किस्मत लाल नंद, चंद्रदेव प्रसाद राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, भुवनेश्वर शोभाराम बघेल, अनूप नाग, मनोज सिंह मंडावी और विक्रम मंडावी उपस्थित थे।

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