पाकिस्तान से लौटी गीता के लिए तेलंगाना से इंदौर पहुंचा एक परिवार, कहा- हो सकती है हमारी बेटी | A family arrived from Telangana to Indore to return Geeta from Pakistan

पाकिस्तान से लौटी गीता के लिए तेलंगाना से इंदौर पहुंचा एक परिवार, कहा- हो सकती है हमारी बेटी

पाकिस्तान से लौटी गीता के लिए तेलंगाना से इंदौर पहुंचा एक परिवार, कहा- हो सकती है हमारी बेटी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : December 25, 2020/10:26 am IST

इंदौरः पाकिस्तान से भारत लौटी गीता को लेने के लिए एक परिवार तेलंगाना से इंदौर पहुंचा है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना में रहने वाले इस परिवार ने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी हो सकती है। फिलहाल साइन लेंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित के साथ गीता को डीआईजी ऑफिस लाया गया है। बता दें कि अब तक छत्तीसगढ़, झारखंड, और तेलांगना में गीता के परिवार की तलाश की जा रही है।

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गौरतलब है कि मूक-बधिर गीता को पाकिस्तान से लौटे पांच साल हो गए हैं, लेकिन उसके माता-पिता का अब भी कोई पता नहीं चल पा रहा है और अब उनकी तलाश में वह महाराष्ट्र के नांदेड़ आ पहुंची है। गीता करीब 20 साल पहले पाकिस्तानी सैनिकों को लाहौर स्टेशन पर ट्रेन ‘समझौता एक्सप्रेस’ में मिली थी, उस समय गीता की उम्र सात-आठ वर्ष रही होगी। इसके बाद ‘ईदी फाउंडेशन’ से जुड़े एक शख्स ने उसे वहां गोद ले लिया था।

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तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के तमाम प्रयासों के बाद 26 अक्टूबर 2015 को गीता भारत लौटी थी। स्वराज गीता को ‘‘हिंदुस्तान की बेटी’’ बुलाती थीं। स्वराज ने गीता से मुलाकात करके उसे आवश्वासन दिया था कि सरकार उसके माता-पिता को ढूंढने के लिए प्रयास कर रही है। गीता, (जिसकी उम्र 30 साल के आसपास मानी जा रही है) अभी मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में दिव्यांगों के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘आनंद सर्विस सोसायटी’ में रहे रही है।

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कई दम्पत्ति सामने आए और गीता के अभिभावक होने का दावा किया लेकिन गीता ने उनमें से किसी को नहीं पहचाना और उनमें से कोई अपने दावों के पक्ष में कोई ठोस सबूत भी नहीं पेश कर पाया। इंदौर के सरकारी अधिकारी और एनजीओ अब भी गीता के माता-पिता की तलाश में जुटे हैं। गीता ने भी हार नहीं मानी है और मंगलवार को वह एनजीओ के सदस्यों के साथ अपने परिवार की तलाश में नांदेड़ पहुंची। एनजीओ के सांकेतिक भाषा के विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित की मदद से गीता ने पत्रकारों से कहा कि वह अपने माता-पिता को ढूंढने की कोशिश कर रही है। उसने बताया कि उसका घर एक रेलवे स्टेशन के पास था, जिसके पास एक अस्पताल, मंदिर और नदी भी थी।

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पुरोहित ने कहा कि वह इस संदर्भ में ही नांदेड़ आए हैं। उन्होंने कहा , ‘‘ ट्रेन ‘सचखंड एक्सप्रेस’ नांदेड़ से अमृतसर जाती है और वहां से ‘समझौता एक्सप्रेस’ जिसमें वह मिली थी, वह अमृतसर से ही पाकिस्तान जाती है।’’ पुरोहित ने कहा, ‘‘ नांदेड़ से करीब 100 किलोमीटर दूर तेलंगाना में एक बासर नाम का कस्बा है, जो कि गीता द्वारा बताई जगह की तरह ही प्रतीत होता है, इसलिए हम यहां आए हैं।’’ नांदेड़ के पुलिस निरीक्षक द्वारकादास चिखलीकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका दल गीता, पुरोहित और उनके साथ आए अन्य लोगों की मदद कर रहा है।

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