इंदौर। इंदौर में आतंकी की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस के इंदौर के सामने सुरक्षा को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है। लिहाजा,15 अगस्त के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रही है। प्रत्येक थाने से किरायेदारों की जानकारी अपडेट करने के लिए कहा गया है। साथ ही अतिरिक्त बल तैनात किया जा रहा है। लेकिन ये पहला मौका नहीं है, जब किसी आंतकी की गिरफ्तारी इंदौर से हुई है। इसके पहले भी राष्ट्रीय एजेंसियां इंदौर में गिरफ्तारी कर चुकी है। लेकिन इसके बावजूद इंदौर पुलिस ने एहतियात के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए है।
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बता दे कि इंदौर लगातार आंतकियों के लिए पनाहगाह बनता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के वर्धमान बम धमाकों में शामिल आतंकी जहीरूल शेख की गिरफ्तारी के बाद इंदौर पुलिस के सामने और भी ज्यादा बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। वहीं, पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे है। क्योंकि जहीरुल शेख पिछले चार सालों से आजाद नगर के कोहिनूर नगर नें रह रहा था। जिसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
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ये पहला मामला नहीं है, जब पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इसके पहले भी इंदौर से आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है। साल 2008 में सिमी के सगरना शफदर नागौरी को जूनी इंदौर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। तो 2017 में चर्चित नाभा जेल ब्रेक के आरोपी कुलप्रीत सिंह देवल को भी पुलिस ने एमआर 9 रोड पर स्थित एक इमारत में गिरफ्तार किया था। लिहाजा, अब 15 अगस्त पर सुरक्षा को लेकर पुलिस और भी ज्यादा सजग हो गई है।
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फिलहाल इंदौर पुलिस के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंध करने के लिए दावे तो कर रहे हैं। लेकिन थाना स्तर पर अभी भी पुलिस व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं आया है। और इसी का नतीजा है, कि संवेदनशील इलाकों में आतंकी बड़े आसार में आकर रहते है। और पुलिस को भनक तक नहीं लगती है।