आप दो तीन हजार अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं लेकिन लोग निजता को ज्यादा अहमियत देते हैं : न्यायालय | You may be a two-three thousand billion dollar company, but people value privacy more: court

आप दो तीन हजार अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं लेकिन लोग निजता को ज्यादा अहमियत देते हैं : न्यायालय

आप दो तीन हजार अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं लेकिन लोग निजता को ज्यादा अहमियत देते हैं : न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : February 15, 2021/2:27 pm IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को व्हाट्सऐप से कहा, ‘आप दो या तीन हजार अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं लेकिन लोग पैसे से ज्यादा अपनी निजता को अहमियत देते हैं।’’ इसके साथ ही न्यायालय ने मूल कंपनी फेसबुक और अन्य के साथ उपयोगकर्ताओं का डेटा साझा करने की उसकी नीति को चुनौती देने वाली एक नयी याचिका पर अमेरिकी कंपनी से जवाब मांगा।

न्यायालय ने कहा कि नागरिकों की निजता की रक्षा करना न्यायपालिका का कर्तव्य है। इसके साथ ही न्यायालय ने व्हाट्सऐप पर यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारतीयों के लिए निजता के कम मानकों का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र और संदेश भेजने वाले ऐप को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में उनसे जवाब मांगा।

व्हाट्सऐप ने हालांकि सर्वोच्च अदालत से कहा कि यूरोप में एक विशेष कानून (सामान्य डेटा संरक्षण कानून) है और यदि ऐसा कोई कानून संसद द्वारा पारित किया जाता है तो वह इसका पालन करेगा।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने व्हाट्सऐप से कहा कि लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी निजता खो देंगे और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति रामासुब्रमणियन भी हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘आप दो या तीन हजार अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं लेकिन लोग पैसे से ज्यादा अपनी निजता को अहमियत देते हैं। लोगों को अपनी निजता को लेकर गंभीर चिंता है।’’

पीठ ने कहा कि नागरिकों को अपनी निजता के खो जाने को लेकर गंभीर आशंका है और उन्हें लगता है कि उनका डेटा एवं संवाद अन्य के साथ साझा किया जा रहा है।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह देश की चिंता है और उन्हें उपयोगकर्ताओं की जानकारी किसी के साथ साझा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें देश के कानून का पालन करना होगा। उन्हें उपयोगकर्ताओं के डेटा को किसी के साथ साझा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’

व्हाट्सऐप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि नयी निजता नीति में कोई भेदभाव नहीं है।

सिब्बल ने कहा, “भारत में लागू की जाने वाली निजता संबंधी नीति यूरोप को छोड़कर पूरी दुनिया में एक समान है। यूरोप में एक विशेष कानून है। अगर संसद इस तरह का कानून पारित करती है, तो उसका पालन किया जाएगा।’’

करमान्या सिंह सरीन के अंतरिम आवेदन पर सरकार और फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप को नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस 2017 की लंबित एक याचिका में दायर अंतरिम आवेदन पर जारी किया गया है। याचिका संविधान पीठ को सौंपी गयी है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दलील दी कि संदेश भेजने वाले कंपनी भारतीयों के लिए निजता के निचले मानक लागू कर रही है और उसे फेसबुक के साथ डेटा साझा करने से रोकना चाहिए। नयी नीति 15 मई से प्रभावी होगी।

पीठ ने कहा, ” हम श्री दीवान की दलील से प्रभावित हैं कि हमारे समक्ष प्रस्ताव दिया गया है कि एक डेटा संरक्षण कानून लागू किया जाएगा।”

पीठ ने सिब्बल से कहा, ” अब इस नीति के तहत आप भारतीयों का डेटा साझा करेंगे।”

शीर्ष अदालत ने 2017 में व्हाट्सऐप की निजता नीति का मामला संवैधानिक पीठ को भेज दिया था और कहा था कि यह निजता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के बड़े मुद्दे से संबंधित है।

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

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