मुंबई, तीन मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व से लेकर दिल्ली सीमा पर जारी किसानों आंदोलन जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर बुधवार को भाजपा की आलोचना की। ठाकरे ने विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने हिंदुत्व के विचारक विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न का सम्मान क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी पूर्व सहयोगी शिवसेना को हिंदुत्व का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए।
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भाजपा ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कई बार कहा है कि पार्टी ने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन करने के बाद हिंदुत्व की विचारधारा को ‘त्याग’ दिया है। औरंगाबाद का नाम बदलने में देरी पर भी विपक्षी दल ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है।
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ठाकरे ने कहा, ‘‘सावरकर को भारत रत्न देने की मांग के लिए (केंद्र को) दो बार चिट्ठी भेजी गयी। भारत रत्न कौन देता है? प्रधानमंत्री और एक कमेटी के पास इसका अधिकार है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप सावरकर को भारत रत्न नहीं देते और हमें शहर का नाम बदलने पर पाठ पढ़ा रहे हैं।’’ साथ ही कहा कि औरंगाबाद का नाम जरूर बदलेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सीमा पर जो तारबंदी करनी चाहिए वह किसानों और दिल्ली के बीच खड़ी कर दी गयी। अगर (सीमा पर) ऐसी व्यवस्था की जाती तो चीन घुसपैठ नहीं करता।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सीमाओं के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल के रास्ते में कंटीले तार लगा दिए गए, बिजली और पानी की आपूर्ति रोक दी गयी।उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रदर्शन कर रहे किसान आतंकवादी है। ठाकरे ने कहा कि देश भाजपा की ‘‘निजी जागीर’’ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को महाराष्ट्र से विदर्भ को अलग करने की सोचना भी छोड़ देना चाहिए। ठाकरे ने कहा, ‘‘हम विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग नहीं होने देंगे।’’