बेंगलुरू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने उनकी पार्टी से, भाजपा की तरह बड़ा सोचने की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस को इस ‘निराशावादी दृष्टिकोण’ को नहीं मानना चाहिए कि वह बहुत छोटी व कमजोर हो चुकी है तथा अपनी खोई जमीन वापस नहीं पा सकती। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने पश्चिम बंगाल और असम से एक चीज सीखी है: आपको यह कभी भी स्वीकार नहीं करना चाहिए कि आप आप बहुत छोटे हैं, कमजोर हैं और किसी क्षेत्र या राज्य में कुछ बड़ा नहीं कर सकते।’’
खुर्शीद ने यह भी कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भाजपा ने उन जगहों पर भी ऐसा (बड़ा सोचने की रणनीति) किया है जहां उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। उन्होंने उन स्थानों पर भ्री ऐसा करने का प्रयास किया जहां आज भी उनका कोई अस्तित्व नहीं है।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कांग्रेस को यह निराशावादी दृष्टिकोण नहीं स्वीकारना चाहिए कि वह अपनी जमीन बहुत ज्यादा खो चुकी है और इसे फिर से हासिल नहीं कर सकती। मुझे लगता है कि प्रतिबद्धता और विश्वास के साथ ही हम यह कर सकते हैं और हमें करना भी चाहिए।’’
उन्होंने इस धारणा से सहमति जताई कि पश्चिम बंगाल में लोगों ने सोची-समझी रणनीति के साथ मतदान किया जिस वजह से कांग्रेस और वाम दलों का सफाया हो गया। उनसे सवाल किया गया था कि वह कांग्रेस के कुछ नेताओं की इस राय के बारे में क्या सोचते हैं कि पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट और असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान हुआ। खुर्शीद ने कहा, ‘‘जब आप सफल नहीं होते हैं तो इस तरह के स्पष्टीकरण दिए जाते हैं। जब आप सफल होते हैं आपको अलग तरह का स्पष्टीकरण दिया जाता है।’’
उनके मुताबिक, ‘‘मुझे नहीं लगता है कि चुनाव बाद के स्पष्टीकरण का कोई मतलब है जब तक इससे आपको अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया और निर्णय की खूबियों के बारे में विश्लेषण करने में मदद न मिले। मैं यही कह सकता हूं कि दोनों तरफ से बहुत सारी चीजें कही जा सकती हैं।’’ खुर्शीद ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का घोषणापत्र लोगों के बीच की भावनाओं को प्रकट करेगा।
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