नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) देश के दो शीर्ष भाला फेंक एथलीटों ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय टीम जब अभ्यास के लिये विदेश के दौरों पर जाती तब जर्मनी के कोच उवे होन विदेशी खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग देते थे। इन आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके शिवपाल सिंह भी शामिल हैं।
शिवपाल ने पिछले साल के शुरू में आगामी तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। वहीं ओलंपिक में क्वालीफाई करने की कोशिश में जुटी अनु रानी ने कहा कि जर्मनी के कोच ‘कुछ वजहों’ से ‘विदेशों में ट्रेनिंग कराने में ज्यादा रूचि दिखाते हैं।’
इन दोनों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘जब हम विदेशों में जाते तो वह (होन) हमारी अनदेखी कर कुछ अन्य विदेशी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं। ’’
यह पूछने पर कि उन्होंने कब होन को विदेशी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हुए देखा है तो शिवपाल और अनु ने पीटीआई से कहा, ‘‘2019 की बात है जब हम पोलैंड में ट्रेनिंग कर रहे थे। ’’
पूर्व विश्व रिकार्डधारी होन (58) से लगातार संपर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। उनका अनुबंध इस साल सितंबर में समाप्त हो रहा है।
सरकार से भुगतान हासिल करने वाला कोच विदेशों के अधिकारिक दौरों पर भारतीयों के अलावा किसी अन्य एथलीटों को ट्रेनिंग नहीं दे सकता।
दोनों खिलाड़ियों ने एनआईएस पटियाला में अपने ट्रेनिंग बेस से कहा, ‘‘वह विदेशों में ट्रेनिंग देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते जबकि हम मौजूदा परिस्थितियों में खुद को बचाना और यात्रा के जोखिम से बचना चाहते थे जिससे हम इससे सहमत नहीं होते। ’’
होन को शिवपाल और ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा को ट्रेनिंग देने के लिये नवंबर 2017 में भाला फेंक कोच नियुक्त किया गया था।
लेकिन चोपड़ा उनसे ट्रेनिंग नहीं लेते और वह पिछले दो वर्षों से बायो-मैकेनिकल विशेषज्ञ क्लॉस बार्टोनिटेज की निगरानी में हैं।
अनु ने कहा कि वह भी होन से ट्रेनिंग नहीं लेती क्योंकि उनकी शैली अलग है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनकी शैली के कारण उनसे ट्रेनिंग नहीं ली। मैंने इस साल के शुरू में उनसे ट्रेनिंग नहीं लेने का फैसला किया। ’’
भाषा नमिता सुधीर
सुधीर
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