गाजियाबाद: शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की और कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को अपनी पार्टी और महाराष्ट्र सरकार का समर्थन देने का ऐलान किया। राउत ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर शिवसेना के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने पहले दिन से ही नए कृषि कानूनों का विरोध किया है और देश में जारी किसान आंदोलन का समर्थन करती है। विरोध प्रदर्शन मंच के पास तिरपाल के नीचे राउत ने टिकैत के साथ संवाददाताओं को संबोधित किया।
राउत ने कहा, “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुझे आज यहां टिकैत साहब से मिलने के लिए विशेष रूप से भेजा है। उन्होंने मुझे टिकैत साहब से यह कहने के लिए भेजा है कि शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार पूरी ताकत से उनके समर्थन में है। मैं यहां अपनी पार्टी के सभी सांसदों के साथ आया हूं।”
उन्होंने कहा कि ठाकरे एक दो दिन में टिकैत से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर सकते हैं। यह बताए जाने पर कि विपक्षी दल नए कानून पर राज्यसभा में चर्चा करने की मांग कर रही हैं, राउत ने कहा, “मांग करने से कुछ नहीं होगा, ये आंदोलन सड़क का है, सड़क पर रहेगा।” उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन राजनीतिक नहीं है।
टिकैत ने भी कहा, “किसान आंदोलन गैर राजनीतिक है और राउत समेत किसी भी नेता को मंच पर माइक या जगह नहीं दी गई।” टिकैत से मिलने के दौरान राउत सहित मुट्ठीभर लोगों ने मास्क पहना था। राउत ने संवाददाताओं से कहा, “जिस प्रकार यहां 26 जनवरी को तोड़फोड़ हुई और आंदोलन तथा टिकैत को दबाने का प्रयास किया गया, हमें लगा कि किसानों के साथ खड़ा रहना और शिवसेना, उद्धव ठाकरे साहब तथा पूरे महाराष्ट्र का समर्थन देना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना यहां किसी चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए नहीं आई है बल्कि केवल बीकेयू को पार्टी का समर्थन देने आई है। राउत ने कहा कि आंदोलन को मजबूती देने के लिए महाराष्ट्र से हजारों किसान पहले ही गाजीपुर बॉर्डर पर हैं। गाजीपुर में सुरक्षा व्यवस्था पर चुटकी लेते हुए राउत ने कहा, “इतना रोड अगर चीन बॉर्डर पर बंद करते तो चीन की जो घुस आयी है न चीनी सेना , वो लद्दाख में नहीं घुस पाती।”