बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), चार अप्रैल (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा)के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल की गई एंबुलेंस के पंजीकरण में फर्जी कागजात के इस्तेमाल होने की पुष्टि के बाद मामले की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। मामले की जांच के लिए पुलिस की टीमें मऊ तथा पंजाब भेजी गई हैं।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा पंजाब में इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस के प्रकरण में जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई गई है।
उन्होंने बताया, ‘‘एसआईटी के तहत दो टीम गठित की गई है। एक टीम को हैदर गढ़ के पुलिस क्षेत्राधिकारी नवीन कुमार के नेतृत्व में पंजाब और दूसरी टीम निरीक्षक महेंद्र सिंह के नेतृत्व में मऊ रवाना की गई है। यह सभी बिंदुओं पर जांच करेंगी। वे इस मामले में आरोपों के घेरे में आई डॉक्टर अलका राय से भी बात करेंगी। जेल से मिलने वालों को ब्योरा लिया जाएगा।’’
प्रसाद ने बताया,‘‘ एसआईटी एंबुलेंस और उसके चालक की भी तलाश करेगी। एम्बुलेंस किसके आदेश से जेल से मुख्तार अंसारी को ले गई और अंसारी का बाराबंकी से क्या रिश्ता है, उसका भी पता लगाया जाएगा। इस पूरे प्रकरण में गंभीरता के साथ जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।’’
मालूम हो कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को मोहाली की अदालत में पेश करने के लिए जिस एंबुलेंस का प्रयोग किया गया था वह बाराबंकी जनपद में पंजीकृत है।
यह एंबुलेंस रफी नगर निवासी डॉक्टर अलका राय के नाम पंजीकृत मिली थी। शासन की सख्ती के बाद संभागीय परिवहन विभाग ने अलका के पंजीकरण की फाइल खंगाली तो पाया गया कि डॉक्टर अलका राय ने बाराबंकी के रफी नगर निवासी होने का वोटर आईडी लगाकर पंजीकरण कराया था।
इस पर परिवहन कार्यालय ने तहसील प्रशासन से जांच कराई तो वोटर आईडी फर्जी होने की जानकारी मिली इस पर एआरटीओ पंकज सिंह ने शुक्रवार को शहर कोतवाली में मऊ जिले के भीटी इलाके की मूल निवासी अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
भाषा सं सलीम नेत्रपाल धीरज
धीरज
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