नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में मामूली बढ़कर क्रमश: 2.78 प्रतिशत और 2.96 प्रतिशत हो गई। कुछ खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति बढ़ी है।
फरवरी 2021 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) क्रमश: 2.67 प्रतिशत और 2.76 प्रतिशत पर रहा था।
श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में यह जानकारी दी।
मार्च, 2020 में सीपीआई-एल 8.98 प्रतिशत तथा सीपीआई-आरएल 8.69 प्रतिशत पर था।
बयान में कहा गया है कि सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल के खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति समीक्षाधीन महीने में क्रमश (+) 1.66 प्रतिशत और (+) 1.86 प्रतिशत पर थी।
कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय खुदरा मूल्य सूचकांक मार्च में क्रमश: दो अंक और एक अंक घटकर 1,035 और 1,043 अंक रह गया।
मार्च, 2020 में सीपीआई- एएल 1,007 अंक पर और सीपीआई-आरएल 1,013 अंक पर था।
मंत्रालय ने कहा कि कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए सामान्य सूचकांक में गिरावट का मुख्य योगदान खाद्य वस्तुओं (-) 3.69 प्रतिशत और (-) 3.34 प्रतिशत का रहा। मुख्य रूप से ज्वार, प्याज, हरी मिर्च, लहसुन, सब्जियों और फलों की कीमतों में गिरावट आई।
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अजय महाबीर
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