बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी की स्थापना का अनुरोध | Request for Setting up of Pending Army Cantonment at Bilaspur

बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी की स्थापना का अनुरोध

बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी की स्थापना का अनुरोध

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 PM IST
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Published Date: February 20, 2021 10:28 am IST

रायपुर, 20 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी की स्थापना जल्द करने का अनुरोध किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी ।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री का ध्यान राज्य में सैन्य संस्थानों के विकास के प्रयास की ओर आकर्षित करते हुए लिखा है कि राज्य ने लगभग 1000 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना करने के लिए आबंटित की हुई है, और छावनी की स्थापना की प्रक्रिया लंबित है।

बघेल ने पत्र में लिखा है, ‘‘आरंभ में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए हवाई पट्टी की आवश्यकताओं को बताया गया था। राज्य सरकार ने इस इलाके की विमानन आवश्यकताओं को देखते हुए हवाई पट्टी का विस्तार कराकर आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली है। बिलासाबाई केवटींन हवाईअड्डा बिलासपुर अब डीजीसीए द्वारा 3सी वीएफआर कैटगरी में मान्यता प्राप्त है। अब यह हवाई पट्टी नागरिक विमानन और थल सेना के विमानन से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपलब्ध है।’’

मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘‘आगामी एक मार्च से बिलासपुर से व्यावसायिक यात्री सेवाएं आरंभ हो रही है। राज्य सरकार चक्रभाठा, बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए उत्सुक है। राज्य में आर्मी छावनी की स्थापना से इस इलाके के समुचित विकास में गति आएगी। साथ ही थल सेना छावनी की राज्य में उपस्थिति नक्सलवादी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में सहायक होने की भी आशा है।’’

पत्र में लिखा है कि थल सेना छावनी की स्थापना से राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को होने वाले लाभों को देखते हुए राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय से इसकी स्थापना शीघ्रातिशीघ्र करने के लिए आग्रह करना चाहती है। इस दिशा में राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय और थल सेना की अन्य संबंधित आवश्यकताओं पर भी विचार करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस संदर्भ में राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय के साथ कार्य करने के लिए तत्पर है।

भाषा संजीव

मनीषा रंजन

रंजन

 

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