Ramdev's statement on allopathy : एलोपैथी पर रामदेव का बयान: योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई करेगा न्यायालय | Ramdev's statement on allopathy : Court to hear yoga guru's plea on July 12

Ramdev’s statement on allopathy : एलोपैथी पर रामदेव का बयान: योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई करेगा न्यायालय

Ramdev's statement on allopathy : एलोपैथी पर रामदेव का बयान: योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई करेगा न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : July 5, 2021/7:56 am IST

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एलोपैथी दवाइयों के इस्तेमाल के खिलाफ रामदेव के कथित बयान के संबध में दर्ज प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच पर रोक लगाने की योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई की जायेगी। न्यायालय ने कहा कि उसे उसे उक्त बयान के मूल रिकॉर्ड रविवार की रात को ही मिले हैं।

शीर्ष अदालत योग गुरु रामदेव के कोविड-19 के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के बारे में दिए बयानों के मूल रिकॉर्ड पर सोमवार को गौर करने वाली थी। रामदेव ने मामले में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने और इस सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा, ‘‘ कल रात 11 बजे हमें फाइलों का एक मोटा बंडल मिला, जिसमें बयानों और वीडियो की प्रतियां थी।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ हम इस मामले को एक सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं।’’ इससे पहले, रामदेव की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मामले पर कभी और सुनवाई की जा सकती है।

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने पटना और रायपुर में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ दिए गए उनके बयान को लेकर कई प्राथमिकियां दर्ज कराई हैं। इससे पहले, पीठ ने मामले पर रामदेव के कथित बयानों के मूल रिकॉर्ड मांगे थे। रामदेव ने आपराधिक शिकायत रद्द करने के साथ ही अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकी दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध भी किया है।

योग गुरु पर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 तथा 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी। हालांकि, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था।

भाषा निहारिका अनूप

अनूप