बाराबंकी (उप्र), 24 फरवरी (भाषा) भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार अगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत करने की आजादी दे तो सम्मानजक फैसला हो जाएगा।
टिकैत ने हैदरगढ़ रोड स्थित हरख ब्लॉक चौराहे पर किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सरकार ने ‘‘पिंजरे का तोता’’ बना दिया है। टिकैत ने कहा,‘‘ सरकार राजनाथ सिंह को बात करने की आजादी दे, तो हमारी गारंटी है कि फैसला हो जाएगा और भाजपा की भी साख बची रह जाएगी।”
उन्होंने कहा ”किसान राजनाथ सिंह का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार उन्हें मौका नहीं दे रही है। यह सरकार जिद्दी है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और अपना रवैया बदलना चाहिए।”
टिकैत ने भाजपा पर हिन्दू—मुसलमान के बीच फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा ”पहले हिंदू और मुस्लिम एक साथ प्रेम से रहते थे। कोई किसी का विरोध नहीं करता था, लेकिन साल 2013 से भाजपा ने मुसलमानों को लेकर काफी भ्रांतियां फैला दीं। मुसलमानों को लेकर सभी के मन में फूट डलवा दी लेकिन अब लोगों को इनकी चाल समझ में आ रही है, इसीलिए अब इनकी दाल नहीं गलने वाली।”
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से शुरू हुए किसानों के आंदोलन को अब तीन महीने बीत चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैले आंदोलन की आंच अब अवध और पूर्वांचल में भी पहुंच रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल का रास्ता बाराबंकी से खुलता है। ये पूर्वांचल की सफलता का द्वार है, इसलिए इसे खोलना बहुत जरूरी है। जब यहां का किसान अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होगा तभी वह पूर्वांचल के किसानों को तीनों काले कानूनों के खिलाफ जागरुक करने में सफल होगा।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा ”हम इस तरह की पंचायतें पूरे पूर्वांचल में करने जा रहे हैं। हर जिले में हमारी महापंचायत होगी। इसमें किसानों को जागरुक कर यह बताने का कार्य करेंगे कि ये तीनों कानून किस तरह से आने वाले दिनों में हमें अपना गुलाम बना लेंगे।”
केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान के मुद्दे पर नरेश टिकैत ने कहा कि बालियान भी परेशान हैं। उन्हें भी विरोध झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा ”हम लोगों ने भाजपा को वोट दिया था। भाजपा के कई लोग हमारे साथ हैं लेकिन मंत्रिमंडल में बैठे लोग हमारे साथ नहीं हैं। अगर यह सरकार कुछ दिन और रहेगी तो किसानों को अपनी खेती से हाथ धोना पड़ेगा।”
भाषा सं सलीम रंजन उमा
उमा
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