सेना में स्थायी कमीशन : न्यायालय ने महिला अधिकारियों की याचिकायें स्वीकार कीं, कहा: एसीआर आकलन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण | Permanent Commission in Army: Court accepts petitions of women officers, says ACR assessment process flawed

सेना में स्थायी कमीशन : न्यायालय ने महिला अधिकारियों की याचिकायें स्वीकार कीं, कहा: एसीआर आकलन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण

सेना में स्थायी कमीशन : न्यायालय ने महिला अधिकारियों की याचिकायें स्वीकार कीं, कहा: एसीआर आकलन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 PM IST
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Published Date: March 25, 2021 7:13 am IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सेना में स्थायी कमीशन देने की मांग कर रही कई महिला एसएससी अधिकारियों की याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की और कहा कि एसीआर मूल्यांकन प्रक्रिया में कमी है तथा वह भेदभावपूर्ण है।

न्यायालय ने कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) मूल्यांकन मापदंड में उनके द्वारा भारतीय सेना के लिए अर्जित उपलब्धियों एवं पदकों को नजरअंदाज किया गया है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि जिस प्रक्रिया के तहत महिला अधिकारियों का मूल्यांकन किया जाता है उसमें पिछले साल उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाए फैसले में उठायी लैंगिक भेदभाव की चिंता का समाधान नहीं किया गया है।

शीर्ष अदालत ने कई महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर फैसला सुनाया जिन्होंने पिछले साल फरवरी में केंद्र को स्थायी कमीशन, पदोन्नति और अन्य लाभ देने के लिए दिए निर्देशों को लागू करने की मांग की।

पिछले साल 17 फरवरी को दिए अहम फैसले में शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए। न्यायालय ने केंद्र की शारीरिक सीमाओं की दलील को खारिज करते हुए कहा था कि यह ‘‘महिलाओं के खिलाफ लैंगिक भेदभाव’’ है।

न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था तीन महीनों के भीतर सभी सेवारत एसएससी महिला अधिकारियों के नाम पर स्थायी कमीशन के लिए गौर किया जाए चाहे उन्हें सेवा में 14 साल से अधिक हो गए हो या चाहे 20 साल।

भाषा गोला अनूप

अनूप

 

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