मृतक के वीर्य पर केवल उसकी पत्नी का अधिकार है- कोलकाता हाईकोर्ट | Only his wife has the right to semen of the deceased: Calcutta High Court

मृतक के वीर्य पर केवल उसकी पत्नी का अधिकार है- कोलकाता हाईकोर्ट

मृतक के वीर्य पर केवल उसकी पत्नी का अधिकार है- कोलकाता हाईकोर्ट

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
,
Published Date: January 22, 2021 9:21 am IST

कोलकाता, 22 जनवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने मृत बेटे के संरक्षित वीर्य को लेने के अधिकार की मांग करने वाले एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि केवल उसकी पत्नी को ही उसका वीर्य लेने का अधिकार है। न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने 19 जनवरी को याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपने बेटे के संरक्षित वीर्य को केवल इस आधार पर हासिल करने का कोई ‘मौलिक अधिकार’ नहीं है कि मृतक के साथ उसका पिता-पुत्र का संबंध है।

पढ़ें- कृषि कानूनों को डेढ़ वर्ष के लिए स्थगित किए जाने का प्रस्ताव किसानो…

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसके बेटे की विधवा को इस मामले में ‘अनापत्ति पत्र’ देने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए या कम से कम, उसके अनुरोध का जवाब देना चाहिए। अदालत ने याचिका को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि दिल्ली के एक अस्पताल में मृतक के वीर्य रखे हैं। चूंकि वह मृत्यु तक वैवाहिक संबंध में था, इसलिए सिर्फ उसकी पत्नी को ही उसके वीर्य लेने का अधिकार है।

पढ़ें- “गोल्ड” का स्वाद अब सात समंदर पार भी.. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कह…

अदालत ने कहा कि जहां तक ​​याचिकाकर्ता के संचार का जवाब देने के लिए उसकी पत्नी को निर्देश देने की बात है, तो यह मामला अदालत के रिट के दायरे से बाहर का है, क्योंकि उसे किसी के मौलिक या वैधानिक अधिकार के किसी उल्लंघन में शामिल नहीं होना है।

पढ़ें- सरकार-किसान के बीच 11वें दौर की वार्ता शुरू, क्या निकलेगा समाधान या..

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका बेटा थैलेसीमिया का मरीज था, और भविष्य में उपयोग के लिए उसके शुक्राणु को दिल्ली के अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। वकील के अनुसार, याचिकाकर्ता ने अपने बेटे के निधन के बाद, अस्पताल में संरक्षित वीर्य को लेने के लिए अस्पताल से संपर्क किया था।

पढ़ें- ‘चलो बुलावा आया है’ गाकर दुनिया में मशहूर हुए सिंगर नरेंद्र चंचल का निधन, लंब…

अस्पताल ने अपनी ओर से उसे सूचित किया कि उसे मृतक की पत्नी से अनुमति लेनी होगी, और विवाह का प्रमाण देना होगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अस्पताल की उस सूचना के बाद, याचिकाकर्ता ने अपने मृतक बेटे की विधवा से इसके लिए ‘अनापत्ति पत्र’ जारी करने का आग्रह किया, जिसने संदेश का जवाब देने से इनकार कर दिया।