आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार, मूंगफली में नरमी, सरसों की मजबूती बरकरार | Oil oilseed prices improve as import duty price rises, peanut softening, mustard strength intact

आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार, मूंगफली में नरमी, सरसों की मजबूती बरकरार

आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार, मूंगफली में नरमी, सरसों की मजबूती बरकरार

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 PM IST
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Published Date: October 1, 2020 2:57 pm IST

नयी दिल्ली, सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू पखवाड़े के लिये खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य बढ़ाकर तय किये हैं। इससे बृहस्पतिवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मजबूती का रुख रहा। बाजार में सोयाबीन, कच्चा पाम तेल और पामोलीन सहित विभिन्न खाद्य तेल कीमतों में सुधार रहा जबकि भारी स्टॉक और आयात से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख रहा।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सरकार ने बुधवार देर शाम सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क मूल्य में 130 रुपये प्रति क्विन्टल और सीपीओ में 65 रुपये प्रति क्विन्टल की वृद्धि की जिससे कारोबारी धारणा में सुधार रहा। कच्चे पॉम तेल के लिये अगले पखवाड़े के दौरान आयात शुल्क मूल्य 741 से बढ़कर 762 डालर प्रति टन और सोया डीगम के लिये 864 से बढ़ाकर 909 डालर प्रति टन कर दिया गया है।

इस शुल्क वृद्धि के अलावा मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत की तेजी आने से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा। लेकिन इसके विपरीत, देश में किसानों के पास मूंगफली का पर्याप्त स्टॉक होने मूंगफली दाना और इसके तेल में गिरावट रही।

वहीं दूसरी तरफ सरसों में मजबूती बरकरार है। बाजार सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के भरतपुर में 5,495 रुपये क्विन्टल के भाव सरसों की बिक्री हुई। राजस्थान ऊंचा होने से महेन्द्रगढ़ की 5,101 रुपये की बोली को नैफेड ने निरस्त कर दिया। हरियाणा में अब 5,131 रुपये की बोली लगाई गई है। पीली सरसों का भाव 8,000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है। जानकारों के मुताबिक सरसों के मामले में सरकारी एजेंसियां फूंकफूंककर कदम रख रही है। त्यौहारी मौसम नजदीक है सरसों का स्टॉक बचाकर रखने की जरूरत है।

बाजार सूत्रों का कहना है कि मांग कमजोर रहने से देश में सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन तेल तिलहनों पर दबाव है। नई आवक हो रही है लेकिन किसानों को इनका न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। खाद्य तेल के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकार को सबसे पहले विदेशों से घरेलू तेलों के मुकाबले सस्ते पड़ने वाले आयात पर कुछ हद तक अंकुश लगाने की जरूरत है।

तेल तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 5,515 – 5,565 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना – 4,835- 4,885 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,240 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,825 – 1,885 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,700 – 1,850 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,820 – 1,930 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 – 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,750 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 8,800 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,700 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,000 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,100 रुपये।

पामोलीन कांडला- 8,350 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 3,765- 3,790 लूज में 3,615 — 3,665 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) – 3,500 रुपये