पुणे, 27 अप्रैल (भाषा) पुणे में एक महिला जेल अधीक्षक को दो बच्चों के नियम का उल्लंघन करने और तीसरे बच्चे के संबंध में तथ्य को छिपाने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। महाराष्ट्र के गृह विभाग के उप सचिव एन एस कराड ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा कि पुणे जिला जेल में अधीक्षक पद पर तैनात स्वाति जोगदंड ने 2012 में विभाग में अपनी नियुक्ति से पहले यह जानकारी छिपायी थी कि वह तीन बच्चों की मां हैं।
महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) नियमावली -2005 के प्रावधानों के अनुसार, उम्मीदवार का परिवार ‘छोटा’’ होना चाहिए। छोटे परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी और दो बच्चों को शामिल किया गया है।वर्ष 2005 के बाद दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवार नियमानुसार सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं है।
जोगदंड के खिलाफ 2016 में शिकायत की गयी थी कि उनकी नियुक्ति से पहले उनके तीन बच्चे थे लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी छिपायी। इस शिकायत के बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी।
सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘पूछताछ के दौरान, यह साबित हुआ कि 2012 में विभाग में उनकी नियुक्ति से पहले, उनके तीन बच्चे थे, क्योंकि उनके सबसे छोटे बच्चे की जन्म तिथि 29 अप्रैल, 2007 है। हालांकि जोगदंड ने 23 दिसंबर 2015 को अपने बयान में दो बेटियों के बारे जिक्र किया था। ’’
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आदेश के अनुसार, ‘‘इस प्रकार यह साबित हो गया है कि जोगदंड ने तीन बच्चे होने के बावजूद दो बच्चे होने के बारे में गलत जानकारी दी और महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) नियमावली का उल्लंघन किया।’
इसमें कहा गया है कि अधिकारी के खिलाफ आरोप साबित होने के बाद उन्हें महाराष्ट्र सिविल सेवा अधिकारी (अनुशासन और अपील) नियमावली, 1979 के अनुसार, तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
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