मुंबई: महाराष्ट्र में 15 जनवरी को होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव से पहले सरपंच पद के लिये हुई कथित नीलामी पर संज्ञान लेते हुये राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से इस बारे में रिपोर्ट देने के लिये कहा है । सरपंच के पद की ‘नीलामी’ के बारे में लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद आयोग का यह निर्देश आया है। कुछ उम्मीदवारों ने कथित रूप से यह वादा किया है कि अगर सरपंच या ग्राम शासी परिषद के प्रमुख के रूप में वे निर्विरोध निर्वाचित हो जाते हैं तो वह गांवों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर अपना धन खर्च करेंगे ।
राज्य निर्वाचन आयुक्त यू पी एस मदान ने जिलाधिकारियों से उम्मीदवार की ग्राम प्रधान के रूप में नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा से पहले उस गांव के बारे में तत्काल विस्तृत रिपोर्ट देने के लिये कहा है जहां मैदान में केवल एक उम्मीदवार हैं । मदान ने अपने निर्देश में कहा, “आयोग रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और संबंधित जिलाधिकारी को घोषणा करने के बारे में सूचित करेगा।”
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में करीब एक साल से ग्राम पंचायत चुनावों को स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि आयोग को इस संवैधानिक पद की कथित नीलामी की शिकायत मिली है । उन्होंने बताया कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से होने चाहिए और लोगों को प्रभावित करने के लिए पैसे का इस्तेमाल गैरकानूनी है।
उन्होंने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से विधायक जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भी आगे आ कर इस तरह की पेशकश की है। चुनाव से बचने के लिये कुछ स्थानीय नेताओं ने कथित तौर पर सरपंच के पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने के लिए ग्राम विकास के लिए अपनी जेब से बड़ी राशि खर्च करने की पेशकश की है।