मुम्बई, नौ मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के दो विधायकों ने मंगलवार को विभिन्न प्रयोगशालाओं में कोविड-19 जांच के नतीजे में अंतर का दावा करते हुए इस मामले की जांच की मांग की।
विधानपरिषद में भाजपा के सदस्य गोपीचंद पढ़ालकर ने कहा कि दो दिन पहले पुणे में उनके नमूने की जांच की गयी और जांच में कोरोना वायरस संक्रमण सामने आया।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपने पार्टी नेताओं को इसकी सूचना दी और अपने आप को पृथक कर लेने के लिए पुणे लौट गया। एहतियात के तौर पर मैंने सोमवार को एक दूसरी प्रयोगशाला अपना नमूना दिया और अन्य जांच भी करायीं। जब इस जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण सामने नहीं आया तब मैं चकित था।’’
उन्होंने कहा कि इसकी सघन जांच होनी चाहिए क्योंकि एक ही शहर की दोनों ही निजी प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट विरोधाभासी थीं।
सदस्य ने कहा कि, ‘‘ यह गंभीर स्वास्थ्य मुद्दा है। ’’
इस पर राकांपा के सदस्य शशिकांत शिंदे ने दावा किया कि भाजपा के सदस्य प्रशांत परिचारक के साथ भी ऐसा ही हुआ।
शिंदे ने दावा किया, ‘‘ मेरे पास उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट हैं। कोरोना वायरस को लेकर उनकी पहली रिपोर्ट पोजिटिव और दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आयी है।’’
उन्होंने विधानपरिषद के उपसभापति नीलम गोरे से इस मामले में निर्देश जारी करने की मांग की।
शिवसेना के सदस्य दिवाकर राओते ने राज्य के गृह एवं जनस्वास्थ्य विभागों से अमरावती, वासिम और अकोला जिलों में कुछ प्रयोगशालाओं द्वारा जारी की जा रही कथित फर्जी पेाजिटिव कोविड-19 रिपोर्ट के मुद्दे पर बयान की मांग की।
पिछले महीने इन जिलों में कोविड-19 के रोजाना मामलों में अचानक इजाफा देखा गया था। गृह राज्यमंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि उनका विभाग स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना देगा।
भाषा राजकुमार उमा
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