भोपाल, 19 मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी पंचायत एवं नगर निकाय चुनावों के लिए राजनीतिक दलों और विभिन्न नेताओं ने अपने घोषणापत्रों में बच्चों से संबंधित मुद्दों को उठाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
चाइल्ड राइट्स आब्जर्वेटरी मध्य प्रदेश (सीआरओएमपी) और यूनिसेफ द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा, कांग्रेस, भाकपा और आप के नेताओं ने इसके लिए प्रतिबद्धता की।
बैठक में सीआरओएमपी की अध्यक्ष निर्मला बुच ने नेताओं से आग्रह किया कि वे आगामी पंचायत और नगर निकायों के चुनाव के लिए अपने चुनावी घोषणापत्रों में बच्चों के मुद्दों को शामिल करें।
उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम बच्चों में निवेश करें और विशेष रूप से कोविड-19 की चुनौती के चलते हमें उनके अधिकारों के प्रति अधिक उत्तरदायी होने और उनका सम्मान करने की जरूरत है।’’
यूनिसेफ मध्य प्रदेश की प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने चुनावी घोषणापत्रों में बच्चों के लिए बढ़े हुए बजटीय आवंटन, बच्चों के खिलाफ हिंसा खत्म करने की रणनीतियों और बाल विवाह जैसे मुद्दों को शामिल करने पर जोर दिया।
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र समिति का नेतृत्व कर रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा बच्चों के मुद्दों को महत्व दिया है। इस बैठक में बच्चों के लिए उठाये गये बिन्दुओं को हम नगर निगम और पंचायत चुनावों के घोषणापत्र में रखेंगें।’’
कांग्रेस विधायक डॉ हीरा लाल अलावा ने सुझाव दिया कि राज्य विधानसभा में बच्चों के लिए एक दिन समर्पित किया जाना चाहिए और राज्य में बाल अधिकारों की निगरानी के लिए तंत्र की जरूरत है।
भाषा रावत अर्पणा
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