पणजी, चार जनवरी (भाषा) कोविड-19 महामारी के कारण करीब एक साल के अंतराल के बाद आर्कटिक के लिए भारत का वार्षिक अभियान जून के महीने में बहाल होगा। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इस बारे में बताया।
राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केन्द्र (एनसीपीओआर) के निदेशक एम रविचंद्रन ने वास्को शहर में संवाददाताओं को बताया कि आर्कटिक क्षेत्र के लिए वार्षिक अभियान जून से अक्टूबर के दौरान चलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण अभियान स्थगित कर दिया गया था। इस साल हम अभियान बहाल कर रहे हैं। यह जून से अक्टूबर तक चलेगा।’’
उन्होंने कहा कि अभियान में भारत के 150-200 कर्मी हिस्सा लेंगे और प्रत्येक बैच में 10 कर्मी होंगे।
भारत ने अगस्त 2007 के पहले सप्ताह में आर्कटिक में वैज्ञानिक अध्ययन की शुरुआत की थी। इसके तहत नार्वे के स्पिट्सबरजेन द्वीप पर अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के जरिए वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं।
इसके बाद से भारत हर साल गर्मी और सर्दी में आर्कटिक में हिमनद, हाइड्रोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी और पर्यावरण संबंधी अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों की टीमों को भेज रहा है।
रविचंद्रन ने बताया, ‘‘आर्कटिक में वैज्ञानिकों के लिए एक नियत स्थान होगा जहां सात देशों के वैज्ञानिक एक साथ रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि अभियान के लिए बैच के हिसाब से वैज्ञानिक वहां जाएंगे क्योंकि आर्कटिक पर भारतीय केंद्र में 10 लोगों के रहने की ही क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘‘10 लोगों के बैच के वापस आने पर 10 कर्मियों का दूसरा बैच वहां जाएगा।’’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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