कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया, देश में रैलियां और प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी | Farmers block national highway in protest against agricultural ordinances Warnings to continue rallies and demonstrations in the country

कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया, देश में रैलियां और प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी

कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया, देश में रैलियां और प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 PM IST
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Published Date: September 10, 2020 1:34 pm IST

कुरुक्षेत्र, 10 सितंबर (भाषा)।  कें‍द्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों को ‘किसान विरोधी’ बताते हुए उनके विरोध में भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। भारतीय किसान संघ ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

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कुरुक्षेत्र में पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘सैकड़ों किसान पिपली चौक तक पहुंचे और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया।’’ उन्होंने कहा कि किसानों ने वहां खड़ी दमकल की गाड़ी के खिड़की के शीशे भी तोड़ दिए। अधिकारी ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। बाद में, प्रदर्शनकारी यातायात रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर धरने पर बैठ गए।

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‘किसान बचाओ, मंडी बचाओ’ रैली के लिये किसानों को पिपली अनाज मंडी में पहुंचने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई कड़ी व्यवस्था के बावजूद कई किसान वहां पहुंचने में कामयाब रहे। कुरुक्षेत्र शहर में दयालपुर चौराहे पर लगाए गए पुलिस अवरोधक को तोड़ते हुए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों पर सवार लगभग सौ किसानों ने पिपली की ओर प्रस्थान किया। हरियाणा बीकेयू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चारुनी ने रैली को ‘‘दमनकारी सरकार’’ के खिलाफ संघ की पहली सफलता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक ‘‘किसान विरोधी’’अध्यादेश वापस नहीं लेती है, तब तक पूरे देश में रैलियां और प्रदर्शन जारी रहेंगे।

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चारुनी ने आरोप लगाया कि इन अध्यादेशों के माध्यम से भाजपा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी प्रणाली को खत्म करने की कोशिश कर रही है और किसानों का शोषण करने के लिए ये गलत अध्यादेश ला रही है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की भी निंदा की। समूह का नेतृत्व कर रहे किसान नेता अक्षय हाथीरा ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार रैली को प्रतिबंधित करके और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाकर किसानों की आवाज को रोकने की कोशिश कर रही थी। इस बीच, पिपली मंडी और इसके आसपास के इलाकों को पुलिस ने सील कर दिया। कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा और लाडवा के कांग्रेस विधायक मेवा सिंह अपने समर्थकों के साथ पिपली मंडी के बाहर पहुंचे और पुलिस द्वारा रोकने पर वे सड़क पर बैठ गए।