रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाथियों के आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी उत्पाती हाथी गांव में दस्तक दे रहे हैं। जिसके चलते ग्रामीणों में जबरदस्त दहशत है। आलम ऐसा है कि ग्रामीण उत्पाती हाथी से खुद को बचाने और खेत को तबाह होने से रोकने के लिए रतजगा कर रहे हैं।
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उत्तर छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा हाथियों ने घरों को तोड़कर, फसलों को रौंदकर भारी नुकसान पहुंचाया है। इधर मध्य छत्तीसगढ़ जैसे बालोद, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद में भी हाथी की दस्तक से लोगों में जरबदस्त खौफ है। जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के सिहावा इलाके के जंगल में 17 से 27 हाथियों का दल खुदुरपानी के जंगल में विचरण कर रहा है। हाथियों का ये दल ओड़िशा से गरियाबंद होते हुए खुदुरपानी के जंगल पहुंचा है।
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महासमुंद के वन परिक्षेत्र में भी हाथियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। बीती रात गुडरुडीह गांव में एक दंतैल हाथी घुसा। किसान के बाड़ी में जमकर उत्पात मचाया। बड़ी मशक्कत के बाद हाथी को भगाया गया। जानकारी के अनुसार महासमुंद वनपरिक्षेत्र में तीन हाथियों ने डेरा जमाए हुए हैं।
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मैनपाट में पिछले एक महीन से हाथियों का डेरा
उत्पाती हाथियों का दल पिछले एक महीने से अंबिकापुर के मैनपाट में डेरा जमाए हुए हैं। 9 हाथियों के दल ने पेंट कोरवापारा और मजूरतोरई में उत्पात मचाया। हाथियों ने 4 ग्रामीणों के मकान तोड़ा और अनाज भी खाया। वन विभाग उत्पाती हाथियों पर नजर बनाए रखे हैं। वहीं ग्रामीणों को अलर्ट करते हुए घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।
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