कोलकाता, 1 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चक्रवात ‘‘यास’’ के कारण हुए नुकसान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने को लेकर मंगलवार को यह कहते हुए नया विवाद शुरू कर दिया कि ‘‘लोक सेवा पर अहंकार हावी हो गया है।’’
पढ़ें- 7th pay commission, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़…
धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कलाईकुंडा में एक बैठक से पहले उनसे बात की थी और संकेत दिया था कि यदि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी इसमें मौजूद होंगे, तो वह इसमें शामिल नहीं होंगी।
पढ़ें- छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य.. DL और RC आधार से किया..
धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री ने 27 मई को रात 11 बजकर 16 मिनट पर संदेश दिया, ‘क्या मैं बात कर सकती हूं, अत्यंत आवश्यक है’।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘इसके बाद उन्होंने फोन पर संकेत दिया कि यदि विधायक शुभेंदु अधिकारी प्रधानमंत्री की चक्रवात यास संबंधी समीक्षा बैठक में शामिल होंगे, तो वह और अन्य अधिकारी इसका बहिष्कार करेंगे। लोक सेवा पर अहंकार हावी हो गया । ’’
पढ़ें- ‘रिवॉल्वर रानी’.. दुल्हन ने स्टेज पर दनादन की फायरि…
बैठक में अधिकारी, धनखड़ के अलावा भाजपा सांसद देबश्री चौधरी भी मौजूद थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बैठक में इसलिए भाग नहीं लिया, क्योंकि ‘‘प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में भाजपा के किसी विधायक के उपस्थित होने का कोई मतलब नहीं है’’। अधिकारी ने बनर्जी को हालिया विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से हराया था।
पढ़ें- बॉलीवुड के मशहूर एक्टर, फोटोग्राफर समेत 9 लोगों के …
बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से, लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उनके उपस्थित रहने का कोई मतलब नहीं था।’’ बनर्जी ने पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि उन्हें बैठक में राज्यपाल और अन्य केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति पर कोई आपत्ति नहीं थी।
मनमोहन एक झलक
1 hour ago