नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामलों में सुनवाई में देरी पर संज्ञान लेते हुए एक अदालत ने यहां पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को निर्देश दिया कि वो आरोपियों को समय से आरोप –पत्र की प्रति उपलब्ध कराने के लिये जांच अधिकारियों को निर्देशित करें।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने यह निर्देश दिया। दंगों से संबंधित कम से कम तीन मामलों में कई आरोपियों द्वारा अदालत को बताया गया था कि अदालत के आदेश के बावजूद उन्हें आरोप-पत्र की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अदालत ने संबंधित जांच अधिकारियों (आईओ) को भी नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि उसके निर्देश के मुताबिक जेल अधीक्षक के जरिये आरोपियों को आरोप-पत्र की प्रति क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई।
उसने कहा कि जवाब सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के जरिये अग्रसारित होना चाहिए।
अदालत ने 24 दिसंबर को दिये गए अपने आदेश में कहा था, “यह संज्ञान में आया है कि विभिन्न मामलों में जांच अधिकारी अदालत के निर्देश के बावजूद तय समय में आरोपियों को प्रति उपलब्ध नहीं करा रहे हैं जिसकी वजह से कई मामलों को आगे की कार्यवाही के लिये सत्र अदालत को सौंपने में देरी हो रही है। इसलिये, इस आदेश की प्रति डीसीपी, उत्तर पूर्व को भी जारी की जाए जिससे वह सभी पुलिस थानों में आईओ को निर्देशत करें कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख से पहले सभी आरोपियों को समय पर आरोप-पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं।”
अदालत ने कहा, “इस बीच, मौजूदा प्रकरण में जांच अधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख से पहले संबंधित जेल अधीक्षक के जरिये आरोपियों को आरोप-पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। उसे सुनवाई की अगली तारीख पर आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट भी पेश करनी चाहिए।”
इस मामले में अगली सुनवाई सात जनवरी को होनी है।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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