इंदौर, 16 जून (भाषा) कोविड-19 की बंदिशों में ढील के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में करीब दो महीने बाद सर्राफा बाजार में फिर हलचल शुरू हुई है। हालांकि, आम लोगों की जेब पर महामारी की मार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाजार में खरीदारों से ज्यादा जेवरात बेचने वाले उन लोगों की भीड़ है जिन्हें धन की तुरंत आवश्यकता है।
इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री ने बुधवार को पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘ महामारी का प्रकोप घटने के बाद प्रशासन की मंजूरी से स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार से नियमित कारोबार बहाल हुआ है। लेकिन फिलहाल हम देख रहे हैं कि हर 100 लोगों में से 60 व्यक्ति ऐसे हैं जो सोने के छोटे जेवरात बेचने के लिए इस बाजार का रुख कर रहे हैं।’
उन्होंने बताया, ‘ ये लोग मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। बातचीत से पता चला कि इनमें से कई लोग कोविड-19 के इलाज में जमा-पूंजी खर्च हो जाने, लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट जाने या नियोक्ताओं द्वारा पगार घटाए जाने के बाद धन की तुरंत आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।’
शास्त्री ने बताया कि करीब 1,000 दुकानों वाले सर्राफा बाजार में दो महीने के अंतराल के बाद कारोबार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है।
गौरतलब है कि इंदौर, राज्य में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 1.52 लाख मरीज मिले हैं। इनमें से 1,374 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। हालांकि, इन दिनों महामारी के बेहद कम नये मामले सामने आ रहे हैं।
भाषा हर्ष शफीक मनोहर
मनोहर
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