कोविड-19: देश भर में 43,846 नए मामले, इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक संख्या | Covid-19: 43,846 new cases across the country, the highest number in a day this year

कोविड-19: देश भर में 43,846 नए मामले, इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक संख्या

कोविड-19: देश भर में 43,846 नए मामले, इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक संख्या

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : March 21, 2021/5:59 am IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भारत में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 43,846 नए मामले सामने आए जो इस साल एक दिन में सामने आने वाले मामलों की सर्वाधिक संख्या है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, नए मरीजों के साथ ही देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,15,99,130 हो गए।

कोविड-10 के उपचाराधीन मरीजों की तादाद में लगातार 11वें दिन वृद्धि दर्ज किए जाने के बाद अब यह संख्या 3,09,087 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.66 प्रतिशत है।

आंकड़ों के अनुसार, ठीक होने की दर गिरकर 95.96 प्रतिशत रह गई है।

मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 115 दिन में प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में यह सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई।

सुबह आठ बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, महामारी से 197 और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 1,59,755 पर पहुंच गई।

पिछले साल 26 नवंबर को एक दिन में संक्रमण के 44,489 मामले दर्ज किए गए थे।

आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,11,30,288 मरीज ठीक हो चुके हैं और महामारी से होने वाली मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, शनिवार को 11,33,602 नमूनों की जांच की गई और 20 मार्च तक 23,35,65,119 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

कोविड-19 से जिन 197 मरीजों की मौत हुई उनमें से महाराष्ट्र के 92, पंजाब के 38, केरल के 15 और छत्तीसगढ़ के 11 लोग थे।

देश में अब तक महामारी से 1,59,755 मरीजों की मौत हो चुकी है जिनमें से महाराष्ट्र के 53,300, तमिलनाडु के 12,590, कर्नाटक के 12,432, दिल्ली के 10,955, पश्चिम बंगाल के 10,303, उत्तर प्रदेश के 8,758 और आंध्र प्रदेश के 7,189 लोग थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को अन्य बीमारियां भी थीं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।’’

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भाषा यश मनीषा

मनीषा

 

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