नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय 16 दिसंबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं। याचिका में कहा गया है कि रास्ता बंद होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इससे कोविड-19 के मामलों में भी इजाफा हो सकता है।
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सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोब्डे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा वी रामासुब्रमण्यन की पीठ विधि छात्र ऋषभ शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को दिल्ली की सीमाओं की सड़कें खुलवाने, प्रदर्शनकारियों को आबंटित स्थान पर स्थानांतरित करने और कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिये प्रदर्शन स्थल पर सामाजिक दूरी का पालन और मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
याचिका में दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने 27 नवंबर को प्रदर्शनकारियों को यहां बुराड़ी में निरंकारी मैदान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को बंद कर दिया। अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के जरिये दायर याचिका में कहा गया, “दिल्ली की सीमाओं पर जारी प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने रास्ते बंद कर रखे हैं और सीमा बिंदु बंद हैं और गाड़ियों की आवाजाही बाधित है जिससे यहां प्रतिष्ठित सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिये आने वालों को भी मुश्किलें हो रही हैं।”