प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों को न्यायाधीश बनाने पर विचार के लिए कहा : एससीबीए | Chief Justice asks lawyers to consider making judges: SCBA

प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों को न्यायाधीश बनाने पर विचार के लिए कहा : एससीबीए

प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों को न्यायाधीश बनाने पर विचार के लिए कहा : एससीबीए

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: June 8, 2021 12:29 pm IST

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से शीर्ष अदालत के वकीलों को उच्च न्यायालयों का न्यायाधीश बनाने के अनुरोध पर विचार करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एसएसीबीए) ने मंगलवार को इस बारे में बताया।

एससीबीए के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि यह कदम सीजेआई को उनके हालिया पत्र के बाद उठाया गया है जिसमें उनसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत में वकालत करने वाले वकीलों के नामों पर विचार करने का अनुरोध किया गया था। सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया, ‘‘प्रधान न्यायाधीश एससीबीए के अनुरोध पर सहमत हो गए और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से शीर्ष अदालत में वकालत करने वाले वकीलों को न्यायाधीश बनाने का आग्रह किया है।’’

सिंह ने कहा कि एससीबीए की कार्यकारिणी समिति ने एक ‘सर्च कमेटी’ बनायी है जिसमें उनके अलावा संगठन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य महालक्ष्मी पवानी और चार सदस्य – राकेश द्विवेदी, शेखर नफाडे, विजय हंसारिया और वी गिरी हैं। यह कमेटी न्यायाधीशों के पद पर नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले प्रतिभावान और सुयोग्य वकीलों की पहचान की प्रक्रिया में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय का कॉलेजियम उच्च न्यायालय के बार से आए नामों के साथ इन नामों पर विचार कर सकता है।’’

सिंह ने 31 मई को प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले वकीलों के पास व्यापक अनुभव होता है। उनके पास दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानूनों से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने की भी अच्छी जानकारी होती है। पत्र में कहा गया, ‘‘लेकिन उच्च न्यायालय कभी-कभार ही इन वकीलों को न्यायाधीश बनाने पर विचार करता है क्योंकि वे नियमित तौर पर उच्च न्यायालय में वकालत नहीं करते हैं। पेशेगत तौर पर उच्च न्यायालय के अपने सहयोगियों से ज्यादा प्रतिभावान होने के बावजूद उन्हें न्यायाधीश बनने का मौका नहीं मिलता है।’’ मौजूदा चलन के तहत उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम नामों की अंतिम सूची बनाता है और वहां वकालत करने वाले वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश करता है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

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