वाशिंगटन, दो मार्च (भाषा) भारत और दक्षिण अफ्रीका का समर्थन करते हुए अमेरिका के सैकड़ों सामाजिक संगठनों और तीन वरिष्ठ सांसदों ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से डब्ल्यूटीओ में कोविड-19 टीकों पर मिलने वाली छूट को नहीं रोकने का अनुरोध किया है और कहा है कि इस छूट से दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को बढ़ावा मिलेगा।
बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलुओं (टीआरआईपीएस) पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समझौते के तहत देशों को दवाइयों, परीक्षणों और उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों के लिए दीर्घकालिक एकाधिकार सुरक्षा प्रदान करना जरूरी होता है।
एक बयान में कहा गया है कि हर क्षेत्र में उत्पादन क्षमता होती है और डब्ल्यूटीओ के नियम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी फॉर्मूला और प्रौद्योगिकी तक समय रहते निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने से रोकते हैं। निर्माण अधिक मात्रा में नहीं होने से 2024 तक विकासशील देशों के कई लोगों को कोविड-19 टीका नहीं मिल पाएगा।
प्रतिनिधि सभा में हाउस एप्रोप्रिएशंस कमेटी की अध्यक्ष एवं सांसद रोसा डेलॉरा ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी किसी देश की सीमा तक सीमित नहीं है। ऐसे में दुनियाभर में टीके का निर्माण एवं वितरण बेहद अहम हो जाता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीओ से टीआरआईपीएस से छूट की मांग की है जिससे वैश्विक समुदाय को कोविड-19 के निदान, उपचार और टीकों को विकासशील देशों को उपलब्ध कराते हुए इस समस्या से निपटने की दिशा में मदद मिलेगी।’’
सांसद अर्ल ब्लूमेनॉर और सांसद जैन शाकोवस्की ने भी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस बारे में दखल देने का अनुरोध किया है।
भाषा सुरभि मानसी
मानसी
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