नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई हमलों की 12वीं बरसी के मौके पर बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में 26/11 जैसा एक और आतंकवादी हमला लगभग नामुमकिन है क्योंकि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को पिछले कुछ साल में बहुत मजबूती प्रदान की गयी है। मुंबई हमलों में पाकिस्तानी हमलावरों ने 166 लोगों की जान ले ली थी जिनमें 28 विदेशी थे। सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए लद्दाख में भारत-चीन विवाद का भी जिक्र किया और कहा कि सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बदलाव की किसी भी कोशिश से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए स्वतंत्रता प्रदान की गयी है और सरकार भारत के आत्म-सम्मान को कोई नुकसान नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भारत के आत्म-सम्मान, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’’ सिंह ने 26/11 के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में उठाये गये विभिन्न कदमों के कारण भारत को अब आतंकवाद के लिए निशाना नहीं बनाया जा सकता और ‘आतंकवाद की नर्सरी’ के तौर पर पाकिस्तान की कलई खुल गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम देशवासियों को आश्वासन दे सकते हैं कि अब भारत ने अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चक्र को इतना मजबूत कर लिया है कि भारत की सरजमीं पर 26/11 जैसे एक और हमले को अंजाम देना अब लगभग नामुमकिन है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत अपनी सीमाओं के अंदर कार्रवाई कर रहा है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हमारे बहादुर सैनिक आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह करने के लिए सीमाओं के परे भी जा रहे हैं।’’
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रक्षा मंत्री ने जम्मू कश्मीर के नगरोटा में हाल ही में एक बड़े हमले को अंजाम देने की पाकिस्तान के आतंकवादियों की नाकाम साजिश का भी जिक्र भी किया। सिंह ने कहा, ‘‘उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक हो या पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक हो, हमारे सशस्त्र बलों ने आतंकवाद से निपटने के लिए जबरदस्त कार्रवाई की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के खिलाफ आतंकवाद का पाकिस्तान का मॉडल धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है। पाकिस्तान को आतंकवाद को राजकीय नीति बनाने की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।’’ रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक आतंकवाद निरोधक संस्था एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को ‘काली सूची’ में डाल देना उस देश के लिए बहुत महंगा साबित होगा जो पहले ही वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
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सिंह ने कह कि 26/11 के हमले ने भारत की सुरक्षा नीति को नयी दिशा दी और तब से नौसैनिक तथा तटीय सुरक्षा ढांचे में ‘आमूल-चूल बदलाव’ हुआ है। चीन के साथ सीमा विवाद पर उन्होंने कहा कि एलएसी की अवधारणा को लेकर मतभेद हैं तथा निर्दिष्ट प्रोटोकॉलों का उल्लंघन किये जाने पर समस्या सामने आती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को आश्वासन देता हूं कि कोई भी भारत की एक इंच जमीन पर भी दावा नहीं कर सकता।’’ पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव पर सिंह ने कहा कि भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है।
सिंह ने करीब 45 मिनट के संवाद सत्र में किसानों के आंदोलन, भारत के रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम, जम्मू कश्मीर के हालात और मिश्रित युद्ध के खतरे जैसे विषयों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद असैन्य-सैन्य समन्वय में काफी सुधार हुआ है। हम वहां सकारात्मक सुधार देख रहे हैं। इसी तरह उत्तर पूर्व में भी सुरक्षा परिदृश्य में लगातार सुधार हुए हैं।’’
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