खतरे में पड़ सकता है देश का लोकतंत्र, सभी सरकारें करती हैं अपने हिसाब से पुलिस का इस्तेमाल : प्रकाश सिंह | All governments use police on their own: Prakash Singh

खतरे में पड़ सकता है देश का लोकतंत्र, सभी सरकारें करती हैं अपने हिसाब से पुलिस का इस्तेमाल : प्रकाश सिंह

खतरे में पड़ सकता है देश का लोकतंत्र, सभी सरकारें करती हैं अपने हिसाब से पुलिस का इस्तेमाल : प्रकाश सिंह

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: May 31, 2021 11:59 am IST

नई दिल्ली, 31 मई (भाषा)।  उत्तर प्रदेश और असम में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे प्रकाश सिंह ने सरकारों पर अपने हिसाब से पुलिस का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि पुलिस सुधारों को पूरी तरह से अमल में नहीं लाया गया तो भविष्य में देश में लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है। सिंह के मुताबिक, देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए ज़रूरी है कि पुलिस सुधार हों और आधुनिक भारत के लिए आवश्यक है कि पुलिस भी आधुनिक हो। वह राजेंद्र पुनेठा मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा इंडियन पुलिस फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित वेबीनार में बोल रहे थे।

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फाउंडेशन ने एक बयान में बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी ने कहा, “यदि पुलिस सुधारों को पूरी तरह से अमल में नहीं लाया गया तो भविष्य में देश में लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।” बयान के अनुसार, इस वेबीनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने कहा कि पुलिस सुधार लोकतंत्र का मूल है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों पर पुलिस सुधार में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया।

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उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) राजीव कृष्ण ने पुलिस की जांच और कानून व्यवस्था को अलग-अलग करने की वकालत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2020 से ही इस को अमल में लाने की शुरुआत कर दी है। राजेंद्र पुनेठा उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी थे।

 

 
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