नयी दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने लखनऊ हवाईअड्डा 50 साल के पट्टे पर रविवार मध्यरात्रि से अडाणी समूह को सौंप दिया। इससे पहले 30 अक्टूबर की मध्यरात्रि से एएआई मंगलुरू हवाईअड्डे को भी समूह को सौंप चुकी है। एएआई ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘‘ दो नवंबर 2020 को एएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने अडाणी समूह के साथ सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर कर लखनऊ हवाईअड्डा समूह को सौंपा।’’
केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में देश के छह प्रमुख हवाईअड्डे लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरू, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी का विशेष व्यवस्था के तहत निजीकरण किया। प्रतिस्पर्धी बोलियां लगाकर अडाणी समूह ने इन सभी हवाईअड्डों को 50 साल चलाने के अधिकार हासिल किया। एएआई ने 22 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि अडाणी समूह को मंगलुरू, लखनऊ और अहमदाबाद हवाईअड्डे क्रमश: 31 अक्टूबर, दो नवंबर और 11 नवंबर को सौंप दिए जाएंगे। इन हवाईअड्डों के परिचालन के समझौतों पर दोनों पक्षों के बीच 14 फरवरी को हस्ताक्षर किए गए थे। तीन अन्य हवाईअड्डे जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम के लिए छूट समझौतों पर दोनों पक्षों ने सितंबर में हस्ताक्षर किए थे।
एयरपोर्ट का ठेका अडानी ग्रुप के पास जाने के बाद इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा का जनता को दीवाली का गिफ्ट : भयंकर महंगाई। भाजपा का अपने पूंजीपति मित्र को दीवाली गिफ्ट : 6 एयरपोर्ट। पूजीपतियों का साथ, पूंजीपतियों का विकास।
सुक्खू के लिए लाया गया समोसा उनकी प्लेट तक नहीं…
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