जगलपुर: वन नेशन-वन राशन कार्ड के तहत जबलपुर जिले के 93 हज़ार से ज्यादा गरीबी रेखा के कार्डधारियों को झटका लगने जा रहा है, इन राशन कार्डधारियों का राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है। दरअसल जिला प्रशासन ने करीब 93 हज़ार ऐसे हितग्राहियों की सूची तैयार कर ली है, जो गरीबी रेखा राशन कार्ड के लिए पात्र ही नहीं है। योजना को अमल में लाते हुए जिला प्रशासन ने आधार सीडिंग और अन्य जरूरी दस्तावेजों की पड़ताल शुरू करा दी है। एक साथ 93 हजार से ज्यादा राशन कार्ड काटे जाने की सुगबुगाहट से खासा हड़कंप मच गया है। कांग्रेस जहां इसे गरीबों का अहित करने वाला कदम बता रही है, तो वहीं राशन कार्ड निरस्त करने पर विरोध की चेतावनी दे रही है।
बता दें राशन की कालाबाजारी और राशन दुकानदारों से मिलीभगत कर अपात्रों द्वारा खाद्यान्न आवंटन के कई सिलसिलेवार मामले सामने आए थे, जिसकी वजह से उन जरूरतमंदो को राशन से महरूम होना पड़ता था, जो वास्तव में इसके हकदार हैं। इन तमाम बातों और परेशानियों के बाद से हरकत में आए जबलपुर जिला प्रशासन ने वन नेशन वन कार्ड के तहत राशन कार्डो का सत्यापन करने का काम शुरू किया था, जिसके चलते जिला प्रशासन ने जबलपुर जिले में करीब 93 हज़ार ऐसे हितग्राहियों की सूची तैयार कर ली है जो गरीबी रेखा राशन कार्ड के लिए पात्र ही नहीं है।
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अब इन कार्डधारियों को झटका लगने जा रहा है, क्योंकि जिला प्रशासन अब ऐसे लोगो के राशनकार्ड धारकों को अपात्र घोषित करने जा रहा है। थोक में कार्ड निरस्त करने के पीछे जिला प्रशासन की अपनी दलीले है। दावा किया जा रहा है कि जिले में हजारों की तादाद में अपात्र लोगों ने राशन कार्ड बनवा रखे थे, जिसके चलते पात्र परिवारों को शासन की योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा था।
इस मामले को लेकर कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि एक साथ 90 हजार से ज्यादा राशन कार्ड काटे जाने की सुगबुगाहट से खासा हड़कंप मच गया है। अपात्र राशन कार्ड धारकों की संख्या अधिकारियों द्वारा चार लाख के आसपास बताई जा रही है। कांग्रेस इसे गरीबों का अहित करने वाला कदम करार दे रही है। कांग्रेस नेताओं की मानें तो गरीबी रेखा के हितग्राहियों के थोक में नाम काटे जाने से हजारों परिवारों के सामने राशन का संकट खड़ा हो जाएगा, जिसके खिलाफ हर स्तर की लड़ाई लड़ी जाएगी।